पटना: प्रदेश के शिक्षकों ने एक बार फिर से सरकार को आंदोलन की चेतावनी दे दी है. शिक्षकों ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है कि सरकार को शिक्षकों की जानकी बिल्कुल भी परवाह नहीं है. सरकार के अधिकारी सिर्फ कागजी खानापूर्ति में व्यस्त हैं.
बेतिया में नाव हादसे के बाद शिक्षकों में आक्रोश: दरअसल सोमवार को बेतिया में गंडक नदी पार करने के क्रम में शिक्षकों की नाव पलटने से शिक्षक आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने शिक्षकों की जान तो बचा ली लेकिन सरकार के निर्देश के बावजूद न तो प्रशासन की तरफ से शिक्षकों के लिए लाइफ जैकेट की व्यवस्था की गई थी ना ही शिक्षकों के लिए स्पेशल नाव की व्यवस्था ही की गई थी. स्थानीय लोगों ने किसी प्रकार गंडक नदी में डूब रहे 25 -30 शिक्षकों की जान तो बचा ली, लेकिन शिक्षकों में आक्रोश बढ़ गया है.
पटना में डूबने से शिक्षक की हुई थी मौत: कुछ ही दिन पहले पटना के नासरीगंज घाट पर नाव हादसे में डूबने से शिक्षक अविनाश कुमार की मौत हो गई थी. इसके बाद शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया कि बाढ़ ग्रस्त इलाके के स्कूलों को चिह्नित कर जिला प्रशासन बंद करें. इसके अलावा जिन क्षेत्रों में नदी पार करके शिक्षक स्कूल जाते हैं वहां पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट, सरकारी स्तर पर मोटर से चलने वाला नाव, नाव पर प्रशिक्षित गोताखोरों की व्यवस्था की जाए.
शिक्षक संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी: आदेश के 15 दिन से अधिक बीतने के बावजूद इस पर कोई अमल नहीं हुआ है. अभी भी शिक्षक जान जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल जाने को विवश हैं. बिहार के तमाम शिक्षक संघ ने सरकार को इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दे दी है. चाहे बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ हो या बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ सभी ने अविलंब बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के स्कूलों में बाढ़ की स्थिति बने रहने तक छुट्टी घोषित करने की मांग की है.
बाढ़ग्रस्त इलाकों के स्कूल बंद करने की मांग: माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने पत्र जारी कर कहा है कि सरकार बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में स्कूलों को अविलंब छुट्टी घोषित करें. उन्होंने शिक्षकों से नदी पार करके स्कूल नहीं जाने की अपील की है. इसके अलावा सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द शिक्षकों की सुरक्षा व्यवस्था सरकार की ओर से की जाए अन्यथा एक बार फिर से शिक्षक सड़क पर संघर्ष के लिए उतर आएंगे.