चमोली: इंसान की सबसे बड़ी पूंजी माता-पिता होते हैं. लेकिन माता-पिता का साया ही सिर से उठ जाए तो बच्चे अनाथ और असहाय हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही तस्वीर चमोली जिले के सामने आई है. जहां तीन बच्चे के सिर से मां का साया तो पहले ही उठ चुका था, किसी तरह पिता द्वारा तीनों बच्चों की परवरिश की जा रही थी, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था, बच्चों के सिर से पिता का साया भी उठ गया. जिसके बाद तीनों बच्चे निराश्रित हो गए. सोशल मीडिया पर इनका वीडियो वायरल होने के बाद मदद के हाथ बढ़ने लगे हैं.
जिलाधिकारी ने गांव भेजी टीम: चमोली जिले के दशोली विकासखंड स्थित खैनूरी गांव के तीन निराश्रित भाई बहनों की दुख भरी कहानी देख सबके आंखों में आंसू आ जाएंगे. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग इन भाई बहनों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा रहे हैं. मामला सामने आने के बाद चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी की पहल पर निराश्रित बच्चों से मिलने प्रशासन की टीम पहुंची और हर संभव मदद का भरोसा दिया. प्रशासन की टीम ने बच्चों का हालचाल जाना. जिसके बाद डीएम ने बताया कि बच्चों को भरण पोषण और पढ़ाई लिखाई के लिए प्रतिमाह स्पांसरशिप योजना के तहत 8000 रुपये दिए जाएंगे.
बीमारी से हुई पिता की मौत: गौर हो कि मां का देहांत तब हुआ जब बच्चे छोटे थे. बीते अक्टूबर माह में इनके पिता नैन सिंह का भी बीमारी के चलते निधन हो गया. जिसके बाद यह तीनों भाई बहन अनाथ हो गए. पिता की मौत के बाद संजना के ऊपर अपने साथ अपने से छोटे भाई और बहन की भरण पोषण की जिम्मेदारी आ गई. संजना अभी अपने ही गांव के सरकारी इंटर कॉलेज में दसवीं की छात्रा है. साथ ही उसकी छोटी बहन साक्षी कक्षा 9 और भाई आयुष गांव के ही प्राइमरी स्कूल की चौथी क्लास में अध्ययनरत है.
स्पॉन्सरशिप योजना से मिलेगी मदद: जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि जिला बाल कल्याण समिति और तहसील प्रशासन चमोली की टीम खैनूरी गांव भेजी गई, जहां पहुंचकर टीम ने बच्चों का हाल जानने के साथ बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चों की काउंसलिंग भी की गई. टीम के द्वारा बच्चों को गांव की ही एक दादी के साथ रखने पर सहमति बनाई गई. बच्चों को सरकार द्वारा दी जाने वाली स्पॉन्सरशिप सहायता के लिए तहसीलदार को आय प्रमाण पत्र और संजना के माता पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र जल्द बनाए जाने को लेकर निर्देशित किया है. जिसके बाद बच्चों को सरकार की स्पांसरशिप सहायता से जोड़ दिया जाएगा, जिसमें बच्चों को प्रतिमाह कुल 8000 रुपए भरण पोषण के लिए बाल विकास विभाग द्वारा दी जाएगी. साथ ही तहसील प्रशासन के द्वारा बच्चों को खाद्यान्न सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है.
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