रामनगर: नैनीताल जिले के रामनगर में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के ग्राम पूछडी क्षेत्र में रहने वाले 141 परिवारों के करीब एक हजार लोगों पर संकट के बादल मंडरा रहे है. वन विभाग ने 141 परिवारों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया है. बताया जा रहा है कि सभी परिवार वन भूमि की जमीन पर अवैध रूप से रहे है. वहीं ग्रामीणों ने भी वन विभाग की इस कार्रवाई का विरोध किया है.
अतिक्रमणकारियों को जारी किया गया नोटिस: जानकारी के मुताबिक गुरुवार 17 अक्टूबर को एसडीएम राहुल शाह, तहसीलदार कुलदीप पांडे, सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी, रामनगर कोतवाल अरुण कुमार सैनी सहित वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से पूछडी ग्राम क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस दौरान संयुक्त टीम ने पाया कि वन भूमि की जमीन पर अतिक्रमण कर कुछ घर बनाए गए है. प्रशासन और वन विभाग ने नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों से दो दिन के भीतर भूमि खाली करने को कहा है.
रामनगर में 141 परिवारों को घर खाली करने का नोटिस (ETV BHARAT) कार्रवाई से पहले सावधानी बरत रहा प्रशासन:इससे पहले भी वन विभाग की टीम अतिक्रमणकारियों के मकानों पर नंबर डालने और उन्हें जगह खाली करने का नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन अभी तक अतिक्रमणकारियों ने जगह को खाली नहीं किया. वहीं हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा की घटना से सबक लेते हुए पुलिस-प्रशासन और वन विभाग बड़ी सावधानी से कार्रवाई कर रहे है.
एक तरफ जहां पुलिस कर्मियों की ड्यूटी के स्थान चिन्हित किए गए हैं तो वहीं कई स्थानों पर बैरियर लगाने की भी कार्रवाई की जा रही है. प्रशासन का मानना है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घटे उसके लिए पहले से ही सर्तकता बरती जा रही है.
महिलाओं की पुलिस के साथ बहस भी हुई. (ETV Bharat) प्रशासनिक अधिकारी का बयान: इस संबंध में जानकारी देते हुए एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि इस क्षेत्र में 141 अतिक्रमणकारी वन भूमि पर चिन्हित किए गए थे, जिन्हें वन विभाग ने बेदखली का नोटिस भी दिया गया था, जिसके बाद पांच से छह परिवारों ने तो जमीन खाली कर दी थी, लेकिन बाकी अभी भी वहीं जमे हुए है. इसीलिए दोबार फिर से अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर दो दिनों में घरों को खाली करने के लिए कहा गया है.
प्रशासन ने 141 परिवार को नोटिस जारी किया है. (ETV BHARAT) ग्राणीमों ने किया कार्रवाई का विरोध:प्रशासन ने साफ किया है कि यदि दो दिनों के अंदर अतिक्रमणकारियों ने जगह खाली नहीं की तो पुलिस-प्रशासन अपनी कार्रवाई शुरू कर देगा. आज भी कुछ महिलाओं की पुलिस के साथ झपड़ हुई थी, लेकिन माहौल को शांत कर लिया गया था.
संयुक्त संघर्ष समिति बनाएगी रणनीति: वहीं, प्रशासन की इस कार्रवाई का संयुक्त संघर्ष समिति ने विरोध किया है. उन्होंने प्रशासन पर पूछड़ी गांव के ग्रामीणों को आतंकित करने पर रोक लगाने की मांग की है. संयुक्त संघर्ष समिति का आरोप है कि 16 अक्टूबर रात को वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के घरों पर नोटिस चस्पा किया. वहीं गुरुवार को भी प्रशासन पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचा और घर की दीवारों पर बेदखली के आदेश चस्पा किए गए.
मुनीष कुमार का आरोप है कि उत्तराखंड सरकार बरसों से वन ग्रामों में निवास करने वाले ग्रामीणों को डरा कर उन्हें यहां से भागना चाहती है, जिसका वो विरोध करते है. संयुक्त संघर्ष समिति ने नैनीताल जिला प्रशासन से निवेदन कर चुकी है कि अधिकारी ग्रामीणों के साथ बैठक उनकी पीड़ा सुने. संयुक्त संघर्ष समिति ने अब रविवार को ग्राम पूछड़ी में बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.
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