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खूंटी में झारखंड राज्य जलछाजन मिशन के तहत चल रहे कार्यों की गिनाई गई उपलब्धियां, विधायक ने भी अपने काम की दी जानकारी - MLA neelkanth SIngh Munda

Jharkhand State Watershed Mission. खूंटी में झारखंड राज्य जलछाजन मिशन के तहत चल रहे कार्यों की उपलब्धियां गिनाईं. इस दौरान विधायक ने भी अपने कामों की जानकारी दी.

Jharkhand State Watershed Mission
Jharkhand State Watershed Mission

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 8, 2024, 7:30 AM IST

विधायन ने भी अपने कार्यों की दी जानकारी

खूंटी:झारखंड राज्य जलछाजन मिशन के तहत खूंटी नगर भवन सभागार में बुधवार को जिले में चल रहे जलछाजन मिशन कार्यों की उपलब्धियां गिनायी गयीं. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री और वर्तमान खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य जिलों की तुलना में खूंटी में जलछाजन मिशन के तहत एक साथ 5 योजनाएं स्वीकृत कर क्रियान्वित की गयीं.

विधायक ने गिनाए अपने काम:नीलकंठ सिंह मुंडा जलछाजन मिशन की योजनाएं गिनाने के साथ-साथ अपने मंत्री कार्यकाल की योजनाएं भी गिना रहे थे. इस कार्यक्रम में उन्होंने एक निजी कार्यक्रम की तरह संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज खूंटी, कर्रा और मुरहू में जलछाजन के काम से स्थानीय ग्रामीणों को फायदा हो रहा है. नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि उनके मंत्री और विधायक रहने से खूंटी के ग्रामीण इलाकों में लगातार विकास कार्य हुए हैं. खूंटी जिले में गांव-गांव तक सड़कों का निर्माण, विद्युतीकरण, तालाब, डोभा और टीसीबी का निर्माण कराया गया है. बिरसा मुंडा आम बागवानी और बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बड़े पैमाने पर आम की बागवानी की गयी है. अब आम के मौसम में खूंटी के बाजारों में आम की भरमार रहती है.

किसानों की आय में हुई वृद्धि:जलछाजन मिशन के तकनीकी पदाधिकारी ने बताया कि जलछाजन मिशन के तहत वर्षा जल संचयन के लिए लूज बोल्डर चेक डैम, मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए टीसीबी का निर्माण और परती भूमि का बड़े पैमाने पर अपलैंड ट्रीटमेंट का कार्य किया जा रहा है. जलछाजन मिशन के साथ-साथ ग्रामीण आजीविका मिशन पर सखी मंडलों के माध्यम से सकारात्मक कार्य किया गया है. मधुपालन, पत्तल निर्माण, बकरी, मुर्गी और सूकर पालन से भी ग्रामीण आजीविका में सुधार हुआ है और पलायन रुका है. ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी और स्वीटकॉर्न की खेती से स्थानीय किसानों की आय में वृद्धि हुई है.

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