भरतपुर: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक धोखाधड़ी के मामले में 22 साल से फरार अपराधी वी चलपति राव को गिरफ्तार किया है. इस अपराधी को कुछ साल पहले अदालत ने मृत घोषित भी कर दिया था. सीबीआई की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार यह अपराधी इतने साल तक अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पहचान बदलकर रह रहा था. आरोपी बीते 2 साल से अपना घर आश्रम की इकरान गौशाला में पहचान बदलकर साधु के वेश में राव विधितात्मानंद तीर्थ के नाम से रह रहा था. बीते दिनों सीबीआई ने अपना घर आश्रम पहुंचकर आरोपी से संबंधित कागजात और जानकारी भी जुटाई.
साधु के वेश में गौशाला में रहा:आरोपी ने नई पहचान बदलकर राव विधितात्मानंद तीर्थ नाम रखा. भरतपुर के बझेरा स्थित अपना घर आश्रम समिति अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताया कि राव विधितात्मानंद तीर्थ के नाम से एक साधु वेश वाला व्यक्ति 23 मई, 2022 को अपना घर आश्रम आया. उसे साधु और अच्छा आदमी समझकर नगर निगम से गोद ली इकरन गौशाला का प्रभारी बना दिया. आरोपी बीते करीब 2 साल से अधिक वक्त से गौशाला की जिम्मेदारी संभाल रहा था. आश्रम के लोग उनका बहुत सम्मान करते थे.
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8 जुलाई, 2024 को राव विधितात्मानंद तीर्थ अपने गुरु की तबीयत खराब होने की बोलकर गौशाला से चला गया. बीते दिनों सीबीआई टीम जब अपना घर आश्रम पहुंची, तो हकीकत पता चली. सीबीआई टीम ने आश्रम से आरोपी राव विधितात्मानंद तीर्थ से संबंधित कागजात और जानकारी जुटाई. आरोपी भरतपुर से अपने शिष्य के पास तमिलनाडु के तिरुनलवेली चला गया और यहां पर उसने कई बार अपने मोबाइल नंबर बदले. आरोपी को 4 अगस्त को तिरुनलवेली के नरसिंगनल्लूर गांव से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी यहां से श्रीलंका भागने की फिराक में था. सीबीआई ने आरोपी को हैदराबाद की अदालत में पेश किया जहां से उसे 16 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया गया है.
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गौरतलब है कि साल 2002 में चलपति राव पर 50 लाख की ठगी का आरोप लगा था. उसने एसबीआई हैदराबाद में काम करते हुए फर्जी दस्तावेजों से 50 लाख रुपए की ठगी की थी. साल 2013 में आरोपी को मृत घोषित कर दिया गया. हालांकि इस दौरान वह गिरफ्तारी से बचने के लिए पहचान बदलकर ठिकाने बदलता रहा. आरोपी ने साल 2007 में नाम बदलकर एक अन्य महिला से शादी कर ली. साल 2014 में वह भोपाल चला गया. इसके बाद उत्तराखंड के एक स्कूल में काम किया. साल 2016 में औरंगाबाद के एक आश्रम में रहने लगा. वहां उसने 70 लाख की ठगी की. साल 2021 में आरोपी ने यह आश्रम भी छोड़ दिया.