भिलाई स्टील प्लांट में हादसा, दहकती हुई पटरी स्टैंपिंग मशीन से उछलकर आई बाहर - BHILAI STEEL PLANT ACCIDENT
Accident in Bhilai Steel Plant भिलाई स्टील प्लांट के रेल मिल यूनिट में एक बार फिर हादसा हुआ है.इस बार भी दहकती हुई रेल पटरी स्टैंपिंग मशीन से उछलकर बाहर आ गई है. गनीमत ये थी कि जिस वक्त हादसा हुआ उस समय केबिन के पास कोई मौजूद नहीं था.universal rail mill of Bhilai
दहकती हुई पटरी स्टैंपिंग मशीन से उछलकर आई बाहर (ETV Bharat Chhattisgarh)
भिलाई :भिलाई स्टील प्लांट में रेल मिल में बड़ा हादसा हुआ है. यहां रेल पटरी प्रोडक्शन यूनिट में धधकती हुई पटरी स्टैंपिंग मशीन से उछलकर बाहर निकल गई. इसके बाद जमीन से 15 फीट ऊंचाई पर पटरी फंस गई.इस हादसे में अच्छी बात ये थी कि जिस केबिन में बैठकर वर्कर मशीन को ऑपरेट कर रहे थे,वहां पर पटरी नहीं गई.वरना एक बड़ी अनहोनी हो जाती.
दहकती हुई पटरी केबिन तक आई (ETV Bharat Chhattisgarh)
कैसे हुआ हादसा ?: बताया जा रहा है कि स्टैंपिंग टेबल से दहकती हुई रेल पटरी उछलते हुए केबिन की छत पर टिक गई. रोलिंग टेबल से बाहर निकलने की वजह से स्टैंपिंग मशीन के मोटर को भी नुकसान पहुंचा है. हाइड्रोलिंक सिस्टम को चलाने वाला सिस्टम भी इस हादसे के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है. हादसे में हाइड्रोलिक हॉज पाइप जल गई है.फिलहाल रोलिंग मशीन को हादसे के बाद बंद कर दिया गया है. हादसे के बाद से कर्मचारियों ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई.इसके बाद फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी गई.
दहकती हुई पटरी स्टैंपिंग मशीन से उछलकर आई बाहर (ETV Bharat Chhattisgarh)
फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर पाया काबू :फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर तुरंत पहुंची और दहकती हुई पटरी के कारण आसपास लगी हुई आग पर काबू पाया.फायर ब्रिगेड की टीम सबसे पहले दहकती हुई पटरी को ठंडा कर रही है.इसके बाद उसे कटर से काटकर अलग-अलग टुकड़ों में काटा जाएगा.फिर पटरी को क्रेन की मदद से केबिन से हटाया जाएगा. इसके बाद ही स्टैंपिंग मशीन पर दोबारा काम शुरू होगा
पहले भी हो चुकी है घटना :आपको बता दें कि इससे पहले भी यूनिवर्सल रेल मिल-यूआरएम में इस तरह की घटना हो चुकी है. जहां टेबल से हटने की वजह से टेस्टिंग रूम तक रेल पटरी घुस चुकी है. उस वक्त भी कर्मचारी बाल-बाल बचे थे. दुनिया की सबसे लंबी रेल पटरी यूआरएम में बनती है. 130 मीटर की सिंगल पीस की रेल पटरी यूआरएम में ही बनती है. दूसरे नंबर पर 121 मीटर की जिंदल और तीसरे नंबर पर आस्ट्रिया 120 मीटर की रेल पटरी बनाता है.