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दिल्ली बंगाल भवन के बाहर ममता बनर्जी के खिलाफ ABVP का विरोध प्रदर्शन

Sandeshkhali case: दिल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने संदेशखाली घटना के विरोध में प्रदर्शन किया. यह विरोध प्रदर्शन ममता सरकार के खिलाफ है. छात्रों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 5, 2024, 4:30 PM IST

ममता बनर्जी के खिलाफ ABVP का विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली:दिल्ली मेंपश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए जघन्य अपराध के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता मंगलवार को सड़कों पर उतर आए. बांगला भवन के बाहर कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. इसमें हजारों की संख्या में ABVP के छात्र-छात्राएं शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी, लेकिन आक्रोशित छात्रों ने हाथों में पोस्टर बैनर लेकर ममता बनर्जी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बैरिकेडिंग पर चढ़ गए.

ABVP का विरोध प्रदर्शन

प्रदर्शनकारियों ने कही ये बात

प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराने समेत दोषियों पर कार्रवाई की मांग की को लेकर सभी ने नारेबाजी की. आज देशभर में 500 से अधिक स्थानों पर ABVP विरोध प्रदर्शन कर रही है. बातचीत के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है इसे देखकर यही लग रहा है कि वहां की ममता बनर्जी सरकार सोई हुई है. ममता बनर्जी वहां पर अपराध को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की."

प्रदर्शन में शामिल सपन दास ने कहा है कि बंगाल में हमारी बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ किया जा रहा है. हमारी मांगें है कि ममता बनर्जी इस्तीफा दे नहीं तो दोषियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई करे. सपन ने कहा कि संदेशखाली में जघन्य अपराधों की शिकार महिलाओं के लिए न्याय की मांग करते हुए सक्षम प्राधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

ABVP के कार्यकर्ता आलोक अत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी लगातार जनविरोधी नीतियों को बढ़ावा दे रही हैं. भ्रष्ट अधिकारियों और अपराधियों को बचा रही है. पश्चिम बंगाल में तुष्टिकरण की नीति ने आम लोगों को परेशान कर दिया है. अधिकारी आम लोगों के अधिकारों को कुचल रहे हैं. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन देना सरकार की प्राथमिकता में नहीं है.

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