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नैनीताल की तर्ज पर देहरादून में भी चिकित्सालयों में बनेंगे आशाघर-डोरमेट्री, डीएम ने किया निर्देशित - Aashaghar dormitory in Dehradun

Dehradun DM Savin Bansal जिलाधिकारी सविन बंसल ने अधीनस्थ अधिकारियों को नैनीताल की तर्ज पर देहरादून में भी चिकित्सालयों में आशाघर-डोरमेट्री बनाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही डीएम ने मुख्य चिकित्साधिकारी को आशाओं के भुगतान में किसी प्रकार की देरी ना करने के लिए निर्देशित किया.

DM Savin Bansal interacted with dengue and malaria warriors
जिलाधिकारी सविन बंसल ने डेंगू और मलेरिया वॉरियर्स से किया संवाद (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 17, 2024, 6:44 AM IST

देहरादून: जनपद में पहली बार ग्राउंड जीरो पर कार्य करने वाले डेंगू और मलेरिया वॉरियर्स से जिलाधिकारी सविन बंसल ने संवाद किया. डीएम ने आशा वर्कर्स और पर्यावरण मित्रों की समस्याएं जानी. इस दौरान आशाओं की समस्या को देखते हुए नैनीताल जनपद की तर्ज पर देहरादून में भी प्रत्येक सरकारी अस्पतालों के खाली पड़े कमरों में आशाघर और डोरमेट्री बनाने की योजना पर कार्य करने के निर्देश दिए है. कहा कि इस कार्य में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी.

देहरादून में चिकित्सालयों में बनेंगे आशाघर-डोरमेट्री (Video- ETV Bharat)

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि आशाओं और फील्ड कर्मचारियों का कोई भी भुगतान लंबित ना रहे, जिसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए. वहीं डेंगू और मलेरिया की सघन मॉनिटरिंग और ग्राउंड जीरो पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को जानने और उनके निस्तारण के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किया गया था.इस दौरान जिलाधिकारी ने फील्ड कर्मचारियों को अपने दायित्वों को जिम्मेदारी और विश्वास के साथ निर्वहन करने के निर्देश दिए. साथ ही उच्च स्तरीय अधिकारियों और ऑफिस कर्मचारियों को ग्राउंड जीरो पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की समस्या के निस्तारण के निर्देश भी दिए.

सीएमओ को निर्देशित किया कि आशा कार्मिकों के भुगतान में किसी प्रकार की देरी न हो यह सुनिश्चित कर लिया जाए, इसके लिए सुविधा और कर्मचारी बढ़ाने के भी निर्देश दिए.साथ ही सीएमओ को अस्पतालों में खाली पड़े कमरों में आशाघर और डोरमेट्री बनाने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए. डीएम ने कहा कि फील्ड कर्मचारी सदैव फ्रंटलाईन वॉरियर्स है. समय-समय पर भूमिका बदलती है. कोरोना वॉरियर्स (आशा, पयार्वरण मित्र, नगर निगम के फील्ड कर्मचारी) आज डेंगू और मलेरिया वॉरियर्स की भूमिका में हैं.
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