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संजय सिंह ने संभल हिंसा का मामला राज्यसभा में उठाने की मांग की

-संभल हिंसा पर AAP सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार को घेरा

संभल हिंसा का मामला राज्यसभा में उठाने की मांग की
संभल हिंसा का मामला राज्यसभा में उठाने की मांग की (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 27, 2024, 4:57 PM IST

नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने बुधवार को राज्यसभा के शून्यकाल में संभल हिंसा से संबंधित गंभीर मुद्दे को उठाने की मांग की. उन्होंने इस हिंसा के मामले में योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि उत्तर प्रदेश में बढ़ती नफरत और हिंसा की घटनाएं राज्य की पहचान बन चुकी है. इससे पहले भी संजय सिंह संभल दंगे पर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोलते आए हैं.

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने अपने नोटिस में कहा कि हाल के दिनों में प्रदेश में लगातार हिंसा और दंगों के मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें से सबसे गंभीर घटना संभल में हुई थी. इस दंगे में पुलिस की गोली से कई निर्दोष लोगों की जान गई थी. उनका आरोप है कि राज्य सरकार इस मामले को दबाने और जनता को गुमराह करने में लगी हुई है.

संजय सिंह ने कहा कि प्रशासन ने इस घटना के बारे में झूठ बोला और इसे छुपाने की कोशिश की, जबकि वास्तविकता कुछ और ही है. संजय सिंह ने योगी आदित्यनाथ की सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि सरकार हिंसा और दंगों को नियंत्रित करने में पूरी तरह से नाकाम रही है. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि इस दंगे की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.

धर्म और नफरत के नाम पर राजनीति का आरोप:संजय सिंह ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को दंगों की रोकथाम के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. आम आदमी पार्टी के नेता ने भाजपा पर भी तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि भाजपा के नेता राज्य की जनता की समस्याओं की बजाय धर्म और नफरत के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. जबकि उत्तर प्रदेश का नौजवान बेरोजगारी और गरीबी से जूझ रहा है.

दंगे की निष्पक्ष जांच की मांग:संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के नेता अपने परिवारों के लिए अरबों रुपये का कारोबार चला रहे हैं. उन्होंने इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाने के लिए नोटिस दिया और राज्य सरकार से जवाबदेही की मांग की. उनका कहना है कि अगर सरकार सच में न्याय की बात करती है, तो इस दंगे की निष्पक्ष जांच करवाई जानी चाहिए.

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