नई दिल्ली: बिजली बिल हाफ और पानी का चुनावी वादा कर दिल्ली की सत्ता में काबिज हुई आम आदमी पार्टी अब एक बार फिर दिल्ली वालों के लिए लोक लुभावन योजना लेकर आने वाली है. लोकसभा चुनाव सामने देखते हुए दिल्ली सरकार अब दिल्ली वालों के बकाया पानी बिल से राहत देने के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाने जा रही है.
शुक्रवार को इसकी जानकारी देने के लिए दिल्ली सरकार के दो मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज सामने आए दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों मंत्रियों ने कहा कि दिल्ली में बढ़े हुए पानी के बिल पाने वाले 10 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार जल्द ही वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लेकर आ रही है. इस स्कीम की मदद से जिन लोगों के पानी के बिल गलत आए हैं, वो एक बार में रीकॉस्ट बिल जमा कर अपने पुराने बिल को समायोजित करा पाएंगे.
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इस योजना से दिल्ली के करीब 40 फीसद उपभोक्ताओं को लाभ होने की उम्मीद है, जो वर्तमान में बढ़े हुए पानी के बिल की समस्या का सामना कर रहे हैं. इस समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संबंधित विभागों को वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को जल्द से जल्द कैबिनेट के समक्ष लाने का सख्त निर्देश दिया है.
इस योजना के तहत दोबारा रीकॉस्ट की गई राशि के साथ नया बिल बनाकर उपभोक्ताओं को भेजा जाएगा. इसके बाद उपभोक्ता इस स्कीम के तहत नए रीकॉस्ट बिल का भुगतान कर सकते हैं. इससे उपभोक्ता पिछले सभी बकाया एक बार में चुका सकते हैं. इसके बाद उन उपभोक्ताओं का पानी का बिल माफ हो जाएगा, जिनका 20 किलोलीटर से कम पानी की खपत है.
14 फरवरी 2024 तक प्रस्ताव मंत्रिपरिषद में लाने के निर्देश
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विभाग को 14 फरवरी 2024 तक प्रस्ताव मंत्रिपरिषद में लाने के निर्देश जारी किए हैं. ओटीएस योजना के तहत उपभोक्ताओं के गलत पानी के बिल पिछले वर्षों की औसत रीडिंग के अनुसार दोबारा जारी किए जाएंगे. पिछले एक वर्ष में दो ‘‘ओके रीडिंग’’ के आधार पर उनके बिलों को दोबारा तैयार किया जाएगा. वे उपभोक्ता, जो पिछले एक वर्ष में दो ‘‘ओके रीडिंग’’ प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे हैं, उनकी रीडिंग की गणना पिछले 5 वर्षों के आधार पर की जाएगी. यदि खराब मीटर या बिल की समस्या 5 साल से अधिक पुरानी है तो बिल उपभोक्ता के पड़ोस के उपभोग पैटर्न के आधार पर दोबारा बनाया जाएगा.
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि रीकास्टिंग की पूरी प्रक्रिया वैज्ञानिक और तर्कसंगत तरीके से की जाएगी और यदि उपभोक्ता रीकास्टिंग राशि का भुगतान करता है तो पूरा बकाया समायोजित कर दिया जाएगा. मसलन, यदि किसी उपभोक्ता को 1 लाख रुपये का बढ़ा हुआ बिल मिला है और उसके उपभोग पैटर्न के आधार पर बिल को फिर से 7000 रुपये कर दिया जाता है, तो उस उपभोक्ता को केवल 7000 की एकमुश्त राशि का भुगतान करना होगा. यदि वह भुगतान कर देगा तो उसकी पूरी रकम समायोजित कर दी जाएगी. अगले बिलिंग चक्र से उसे नया बिल मिलेगा. यदि वह रीकास्टिंग राशि का भुगतान नहीं करता है, तो उसे पूरी राशि 1 लाख रुपये का भुगतान करना होगा.
सरकार को बढ़े हुए पानी के बिल की बहुत सारी शिकायतें मिलीं
दरअसल, सरकार को बढ़े हुए पानी के बिलों की बहुत सारी शिकायतें मिल रही हैं, जिसके कारण कई उपभोक्ताओं ने अपने पानी के बिल का भुगतान करना ही बंद कर दिया है. कई लोगों को मुफ्त जल योजना को स्वतः लागू होने और पिछली योजना के तहत बकाया राशि की 100 फीसद छूट के बारे में गलतफहमी थी. पानी मीटर रीडरों द्वारा मीटर रीडिंग गलत पंच करने की भी कई शिकायतें मिली हैं.