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आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर लगाया आरोप, कहा- अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए काटने दिए जा रहे छत्तीसगढ़ के जंगल - आम आदमी पार्टी

Aam Aadmi Party accuses BJP: दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ के हसदेव के जंगलों को काटने दिया जा रहा है.

आम आदमी पार्टी
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 29, 2024, 2:53 PM IST

आम आदमी पार्टी से छत्तीसगढ़ की प्रवक्ता प्रियंका शुक्ला

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के हसदेव के जंगल को अडानी को काटने दिया जा रहा है. वहां पर कोयला निकलने के लिए जंगलों को काटा जा रहा है. इसके लिए ग्राम सभा की अनुमति के लिए फर्जी एनओसी बनाई गई है. स्थानीय आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

वहीं, आम आदमी पार्टी से छत्तीसगढ़ की प्रवक्ता प्रियंका शुक्ला ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ की नहीं बल्कि पूरे देश की लडाई है. हसदेव के जंगल के लिए आदिवासी 10 साल से लड़ रहे हैं. 20 ग्राम सभाएं कह रही हैं कि हमें खनन नहीं चाहिए, लेकिन अडानी को फायदा देने के लिए जंगलों को काटा जा रहा है. देश में एक नेपोटिज्म चल रहा है और छत्तीसगढ़ को बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है. हसदेव के जंगल में जो लड़ाई चल रही है, उसकी आवाज यहां तक नहीं आ पाती है, इसलिए हम यहां पर उनकी आवाज उठाने के लिए आए हैं. वहां पर चार लाख पेड़ काटे जाने वाले हैं. बीते एक साल में 50 हजार पेड़ काटे भी जा चुके हैं. ग्राम सभा एक गवर्नमेंट बॉडी है और बिना ग्राम सभा की अनुमति के यहां पर एक पत्थर भी नहीं उठाया जा सकता है.

खनन के लिए ग्राम सभा की अनुमति चाहिए, लेकिन 20 गांव ने अनुमति नहीं दी है. दूसरी बात है कि वहां के लोग राज्यपाल के पास भी गए थे. वर्ष 2021 में राज्यपाल ने जंगल को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और स्टे लगाकर जांच के आदेश दिए. लेकिन इतने बड़े प्रकरण की कोई जांच नहीं हुई. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, हसदेव जंगल पर एक जॉइंट स्टडी हुई थी. वन्य जीव संस्थान ने स्टडी कर रिपोर्ट बनाई थी कि यहां पर खनन किया जाता है तो इसके दुष्परिणाम बहुत ज्यादा होंगे. जब जंगल काटे जाएंगे तो वहां पर रहने वाले जंगली जानवर लोगों के घरों की तरफ जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि 26 जुलाई 2022 को सदन में एक प्रस्ताव पारित किया गया था कि जितनी भी खनन की मंजूरी है सभी को रद्द किया जाए. सदन के सदस्यों ने इसका समर्थन किया था, लेकिन इस प्रस्ताव का भी पालन नहीं किया गया है. छत्तीसगढ़ के लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है और पिछले कई सालों से छत्तीसगढ़ के लोग जंगल बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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