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चिट्टा तस्कर शाही महात्मा गैंग के 9 सदस्य गिरफ्तार, अब तक 52 तस्कर दबोचे...ऐसे काम करता था ये गिरोह

चिट्टा तस्कर शाही महात्मा गैंग के 9 और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. अब तक इस गैंग के 52 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.

शाही महात्मा गैंग के 9 और सदस्य गिरफ्तार
शाही महात्मा गैंग के 9 और सदस्य गिरफ्तार (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 18 hours ago

शिमला: पुलिस ने चिट्टा तस्कर शाही महात्मा गैंग के 9 पैडलर्स को गिरफ्तार किया है. ऑपरेशन क्लीन के तहत शिमला पुलिस इस गैंग के 52 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. ये गिरोह पिछले छह सालों से चिट्टा तस्करी में संलिप्त था.

मंगलवार को पुलिस ने बलवान सिंह (38) पुष्कर (35) विवेक कुमार (30), अंशुल नेगी( 27), विकास (30), अजय कुमार (31), अनुज चौहान (37) ,अभिषेक और हर्षित चौहान को गिरफ्तार किया है. ये सभी आरोपी रोहड़ू से संबंध रखते हैं. शाही महात्मा नाम का यह गैंग जुब्बल कोटखाई और रोहडू क्षेत्र में कई सालों से चिट्टे की सप्लाई करता था. पुलिस को अंदेशा है कि इस गैंग में अभी कुछ और भी तस्कर शामिल हो सकते हैं.

एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि, 'यह एक अंतरराज्यीय गिरोह है. इस गिरोह ने सात से आठ करोड़ रुपए की ड्रग मनी अर्जित की थी. पुलिस की इस मामले में अभी जांच जारी है. नशे के खिलाफ पुलिस ने ऑपरेशन क्लीन चला रखा है. पुलिस की नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.'

क्या है पूरा मामला

पुलिस ने सितंबर महीने में रोहडू क्षेत्र से कुपवाड़ा निवासी मुद्दासिर अहमद को 460 ग्राम चिट्टे (हेरोइन) के साथ गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की तो गैंग के सरगना शाही महात्मा (शशि नेगी) तक पहुंची. शशि नेगी की गिरफ्तारी के साथ ही गैंग का भंडाफोड़ किया और इस गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारियां शुरू की थीं. ये गैंग हरियाणा से लेकर हिमाचल तक चिट्टा सप्लाई करता था. ये गैंग व्हाट्सएप के जरिए ऑपरेट करता था. खास बात ये है कि इसमें डिलीवरी करने वाले शख्स और इसे हासिल करने वाला व्यक्ति कभी एक-दूसरे से नहीं मिलते थे. इस गैंग के सरगना शशि नेगी जिसे शाही महात्मा नाम से जाना जाता था एक सेब व्यापारी था. इसने अपने गैंग को कई अलग अलग बांट रखा था. उसे इस बात का यकीन था कि पुलिस उस तक नहीं पहुंचेगी, लेकिन मुद्दासिर अहमद के रोहड़ू से गिरफ्तार होने के बाद पुलिस उस तक पहुंच गई.

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डिलीवरी के लिए होता था M-R कोड का इस्तेमाल

चिट्टे की डिमांड व्हाट्स एप पर हो होती थी. डिलीवरी के लिए R-M कोड का इस्तेमाल होता था. इससे पता चलता था कि चिट्टे की सप्लाई किसे होनी है. दरअसल इस पूरे नेटवर्क मांटा(M) और रांटा (R) नाम के दो शख्स चला रहे थे. डिलीवरी कोड से पता चलता था कि सप्लाई मांटा को होनी है या रांटा को. डिलीवरी करने वाला व्यक्ति ड्रग को एक जगह पर रखता और उसका एक वीडियो खरीदार को भेजता और वीडियो में चिन्हित जगह से पैकेट को रिसीव करने के लिए कहता. शाही महात्मा ने डिमांड लाने, डिलीवरी करने, पेमेंट लेने के लिए अलग अलग लोगों को रखा था. डिलीवरी के बाद अलग अलग बैंक खातों से ये पैसा शशि नेगी उर्फ शाही महात्मा तक पहुंचता था.

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