पटना जिले के 76 स्कूल शनिवार तक बंद (ETV Bharat) पटना: बिहार के पटना डीएम ने बाढ़ की हालत को देखते हुए जिले के 76 स्कूलों को बंद करने का निर्देश जारी किया है. दरअसल बीते दिनों दानापुर के नासरीगंज घाट पर विद्यालय जाने के लिए नाव पकड़ने के क्रम में एक शिक्षक की नाव से फिसल कर गंगा में गिरने से दुखद मृत्यु हो गई. इसके बाद से शिक्षकों में आक्रोश देखने को मिल रहा है.
घटना से नाराजगी, प्रशासन अलर्ट: शिक्षा विभाग ने घटना के दिन ही फैसला लिया कि जितने भी घाट से बच्चे अथवा शिक्षक विद्यालय आते जाते हैं उन घाटों को चिन्हित करके सरकारी स्तर से नाव का प्रबंध और पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट उपलब्ध कराया जाए. लेकिन ऐसा कहीं हो नहीं रहा है. ऐसे में शिक्षकों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पटना डीएम को टैग करते हुए पोस्ट किया, जिस पर डीएम ने संज्ञान लिया है.
पटना डीएम का आदेश (ETV Bharat) पटना जिले के 76 स्कूल बंद: पटना डीएम ने कहा कि आज मंगलवार सुबह उन्होंने स्कूलों की स्थिति का रिव्यू किया है. अभी के समय गंगा का जलस्तर काफी बढ़ी हुई है और कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर जलस्तर बना हुआ है. गंगा की पानी में धार भी काफी तेज है. इसको देखते हुए शिक्षकों और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिले के 76 दियर क्षेत्र के विद्यालयों को बंद किया गया है. इन विद्यालयों को शनिवार तक के लिए बंद किया गया है. शनिवार को विद्यालयों को लेकर के रिव्यू बैठक की जाएगी. गंगा की जलस्तर में कमी आई तो विद्यालय खुलेंगे. दोबारा से जब इन क्षेत्रों के विद्यालय खुलेंगे तो घाट पर विभाग द्वारा निर्देशित सुरक्षा के सभी प्रबंध किए जाएंगे.
''हम लोगों के लिए शिक्षकों और बच्चों की जान महत्वपूर्ण है उससे कोई जोखिम नहीं लिया जाएगा. जब तक लाइफ जैकेट, नाव और जो कहा गया है उसकी व्यवस्था नहीं हो जाती. शनिवार तक पटना के 76 स्कूल बंद रहेंगे.''- चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना
क्या है शिक्षा विभाग के निर्देश: बिहार के शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिला पदाधिकारी को यह निर्देशित किया गया है कि वह अपने जिले में ऐसे घाट को चिन्हित करें जहां से नाव पकड़के बच्चे और शिक्षक विद्यालय आते जाते हैं. इन जगहों पर सरकारी अस्तर से नाव की व्यवस्था की जाए और नाव पर पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट उपलब्ध हो. इसके अलावा इन जगहों पर एसडीआरएफ की तैनाती हो साथ ही साथ प्रशिक्षित गोताखोरों की भी तैनाती की जाए.
क्या कहता है शिक्षक संघ : बिहार विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि शिक्षा विभाग का आदेश अभी तक सिर्फ खानापूर्ति नजर रहा है. अभी भी शिक्षक जान जोखिम में डालकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पढ़ाने जा रहे हैं. जो शिक्षक दियर क्षेत्र में पढ़ाने जाते हैं, वह भी प्रतिदिन की तरह नाव से स्कूल जा रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं है. पटना जिले के बख्तियारपुर के ग्यासपुर से आज ही शिक्षकों का वीडियो आया है, जिसमें लकड़ी के नाव पर शिक्षक खुद और अपने वाहन को लाद कर विद्यालय जा रहे हैं. सुरक्षा के कोई प्रबंध नजर नहीं आए.
''बिहार के लगभग 17 जिले हैं जिनमें दियारा क्षेत्र पड़ता है. नदी पार करके शिक्षकों को विद्यालय आना जाना पड़ता है. शिक्षा विभाग में जो आदेश दिया है उसे जल्द से जल्द लागू किया जाए ताकि शिक्षक सुरक्षित विद्यालय जा सके. कम से कम नाव पर शिक्षकों की संख्या के अनुरूप लाइफ जैकेट उपलब्ध कराई जाए. आज भी लकड़ी के नाव पर सवार होकर शिक्षक विद्यालय पढ़ाने जाते हैं, वह चाहते हैं कि सरकार पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले स्टीमर का प्रबंध करें ताकि सुरक्षित बैठकर काम समय में शिक्षक विद्यालय तक पहुंच सकें.''- अमित विक्रम, शिक्षक संघ सदस्य
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