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खूंटी के एक स्कूल में पहली से दसवीं तक पढ़ते हैं सिर्फ 71 छात्र, दो कमरों में होता है संचालन, सदन में उठा मामला

Jharkhand assembly budget session. खूंटी के एक स्कूल में पहली से दसवीं कक्षा तक में मात्र 71 छात्र पढ़ते हैं, इस स्कूल में मात्र दो कमरे हैं और उतने ही शिक्षक भी कार्यरत हैं. विधायक कोचे मुंडा ने इस मामले को झारखंड विधानसभा में उठाया.

Jharkhand assembly budget session
Jharkhand assembly budget session

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 28, 2024, 3:58 PM IST

रांची:आदिवासी बहुल खूंटी जिला के रनिया प्रखंड में मौजूद बेलकीदूरा हाई स्कूल का मामला सदन में उठा. तोरपा से भाजपा विधायक कोचे मुंडा ने प्रश्न काल के दौरान सरकार से पूछा कि इस स्कूल का संचालन सिर्फ दो कमरों में हो रहा है. जबकि हर कक्षा के लिए कम से कम एक कमरा होना जरूरी है. कमरा नहीं होने की वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं.


जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि खूंटी के उत्क्रमित उच्च विद्यालय, बेलकीदूरा में कक्षा 1 से कक्षा 10 तक पढ़ाई होती है. सरकार ने स्वीकार किया कि यहां सिर्फ दो कमरों में पठन-पाठन हो रहा है. लेकिन आश्चर्य की बात है कि कक्षा एक में 8, कक्षा 2 में 5, कक्षा 3 में 8, कक्षा 4 में 14, कक्षा 5 में 10, कक्षा 6 में 2, कक्षा 7 में 9, कक्षा 8 में 4, कक्षा 9 में 3 और कक्षा 10 में सिर्फ आठ छात्र हैं.

स्कूल में छात्रों की कुल संख्या 71 है. जबकि प्राथमिक शिक्षा के लिए एक और उच्च प्राथमिक शिक्षा के लिए एक शिक्षक सेवारत हैं. प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिला की योजना अनाबद्ध निधि से दो नए अतिरिक्त कमरों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, जिसका निर्माण कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर छात्रों की संख्या बढ़ेगी तो जरूरत के हिसाब से अन्य कमरों का भी निर्माण किया जाएगा.

इस पर विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि इलाके के छात्र पढ़ना चाहते हैं. लेकिन दो कमरों में तमाम कक्षाएं चलने की वजह से पढ़ाई में दिक्कत होती है. इस वजह से सक्षम अभिभावक अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों में भेजते हैं या फिर उनकी पढ़ाई बंद हो जाती है. आपको बता दें कि रनिया प्रखंड कभी माओवादियों का गढ़ कहा जाता था. शाम होते ही लोग घरों से निकलना बंद कर देते थे. लेकिन सीआरपीएफ की मौजूदगी के बाद इस इलाके के हालात में व्यापक परिवर्तन आया है. इसके बावजूद शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीरता नहीं दिख रही है.

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