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हरिद्वार बैंक डकैती कांड, 20 साल बाद STF के हाथ आया डकैत, गिरोह का सरगना एनकाउंटर में जा चुका मारा

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स को मिली बड़ी कामयाबी. हरिद्वार बैक डकैती कांड का बदमाश 20 साल बाद गिरफ्तार.

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीस सालों से फरार एक लाख रुपए का इनामी डकैत को गिरफ्तार किया है. उत्तराखंड एसटीएफ ने आरोपी को तमिलनाडु के वेल्लोर जिले से दबोचा है. आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर साल 2004 में हरिद्वार कोतवाली क्षेत्र में स्थित इलाहाबाद बैंक में डकैती डाली थी, तभी से आरोपी फरार चल रहा है. आरोपी का एक साथी टीपू साल 2005 में हरिद्वार पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया था.

चार आरोपी साल 2005 में पकड़े गए थे: उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी नवीन सिंह भुल्लर ने प्रेस वार्ता कर पूरे मामले की जानकारी. एसएसपी नवीन सिंह भुल्लर ने बताया कि साल 2004 में हरिद्वार में इलाहाबाद बैंक में बड़ी बैंक डकैती पड़ी थी. इस डकैती कांड का एक बदमाश टीपू तो वारदात के एक महीने बाद ही हरिद्वार पुलिस की मुठभेड़ में मारा गया था, लेकिन दूसरा बदमाश उदय उर्फ विक्रांत निवासी जिला पटना बिहार तब से फरार चल रहा है. वहीं, बाकी के चार आरोपियों को भी हरिद्वार पुलिस ने साल 2005 में गिरफ्तार कर लिया था.

20 साल बाद उत्तराखंड STF के हाथ आया डकैत (ETV Bharat)

घर की कुर्की के बाद भी हाथ नहीं आया था आरोपी: हरिद्वार पुलिस ने आरोपी की धरपकड़ के लिए काफी प्रयास किए. साथ ही आरोपी के घर की कुर्की भी की थी, लेकिन आरोपी पुलिस के हाथ नहीं आ पाया. उत्तराखंड पुलिस ने आरोपी पर एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया है. लंबे समय से उत्तराखंड एसटीएफ भी फरार आरोपी की तलाश में जुटी हुई थी. इसी बीच उत्तराखंड एसटीएफ के हाथ आरोपी को लेकर बड़ी जानकारी लगी.

तमिलनाडु से किया गया अरेस्ट: उत्तराखंड एसटीएफ को पता चला कि आरोपी तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में छिपा हुआ है. इसके बाद उत्तराखंड एसटीएफ की एक टीम तमिलनाडु भेजी गई. उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर आरोपी के बारे में जानकारी एकत्र की और फिर उसे गिरफ्तार किया. उत्तराखंड एसटीएफ शनिवार 19 अक्टूबर को आरोपी को हरिद्वार लेकर आई.

6 बदमाशों ने दिया था वरदात को अंजाम: पुलिस ने बताया कि 17 दिसंबर 2004 को उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में बैंक डकैती की बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया था. चार से पांच बदमाश हरिद्वार कोतवाली क्षेत्र में स्थित बैंक हरिद्वार में तमंचा लेकर घुस थे. बदमाशों ने सभी स्टॉफ को बंधक बनाकर बैंक हॉल में कब्जे में ले लिया और हेड कैशियर व प्रबन्धक परिचालन से कैश स्ट्रांग रूम की चाबी ली.

साल 2004 में नौ लाख रुपए लेकर फरार हुए थे आरोपी: हेड कैशियर के केबिन और स्ट्रांग रूम से करीब 9 लाख 61 हजार रुपए थे, जिन्हें बदमाश दो बैगों में भरकर ले गए थे. जाते समय बदमाशों ने बैंक के सभी कर्मचारियों को स्ट्रांग रूम में बंद कर दिया था. वारदात के करीब एक महीने बाद गिरोह का सरगमा टीपू यादव पुलिस को गोली से मारा गया था और बाकी के चार भी गिरफ्तार हो गए थे, लेकिन छठवां आरोपी उदय उर्फ विक्रांत फरार चल रहा था.

एसएसपी एसटीफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि आरोपी उदय ने हरिद्वार बैंक में डकैती डालने से पहले बिहार के पटना में भी रविन्दर उर्फ अरविंद नाम के व्यक्ति का फिरौती के लिए अपहरण किया था. इस कांड के बाद आरोपी उदय हरिद्वार आ गया था. हरिद्वार में उदय ने जूस की ठेली लगाई थी और फिर अपने साथियों के साथ मिलकर इलाहाबाद बैंक में डकैती डाली थी.

टीपू यादव के मारे जाने के बाद आरोपी उदय बदलकर अपने भाई पवन कुमार के साथ विशाखापट्टनम चला गया था. वहां फुटपाथ पर कपड़े की ठेली लगाकर जीवन यापन करने लगा और फिर उसके बाद वहीं पर ही शादी करके रहने लगा.

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