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69000 शिक्षक भर्ती केस; सीएम योगी की टिप्पणी से अभ्यर्थी आहत, बोले- ये ठीक नहीं है - 69000 Teacher Recruitment Case - 69000 TEACHER RECRUITMENT CASE

वर्ष 2018 में हुई थी भर्ती, अभ्यर्थियों ने लगाया था घोटाले का आरोप, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अभ्यर्थियों के आरोप को सही माना. अभ्यर्थियों ने सीएम के बयान से नाराज होकर विधानसभा घेराव और धरना प्रदर्शन की दी चेतावनी.

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सीएम योगी की टिप्पणी से अभ्यर्थी आहत, बोले- ये ठीक नहीं है (Photo Credit; ETV Bharat Archive)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 30, 2024, 11:50 AM IST

लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले का मामला एक बार फिर से तूल पकड़ने लगा है. मामले को लेकर पीड़ित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी विधानसभा घेराव और धरना प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. बाता दें की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सत्र के पहले दिन (सोमवार को) बीजेपी ओबीसी मोर्चा की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 69000 शिक्षक भर्ती में हुए घोटाले के आरोप को निराधार बताया था, जिसको लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश है.

अभ्यर्थियों का आरोप कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो टिप्पणी की है, वह ठीक नहीं है. क्योंकि, यह मामला अभी कोर्ट में हैं. जब तक निर्णय नहीं आ जाता तब तक यह दावा कैसे किया जा सकता है कि भर्ती निष्पक्ष हुई है, जबकि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भर्ती में व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग नौकरी देने से वंचित करने की पुष्टि की है.

वहीं, स्वयं विभाग के अधिकारियों ने आरक्षित वर्ग की अभ्यर्थियों की एक 6800 की सूची भी जारी कर यह स्वीकार किया था कि भर्ती में नियमों का पालन नहीं हुआ है. इन सभी पीड़ित आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी. इस संबंध में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पीड़ित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से मुलाकात की थी. अब योगी आदित्यनाथ के बयान से पीड़ित अभ्यर्थी आहत हैं और उनमें आक्रोश भी है.

धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे 6800 की सूची में चयनित अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा अभ्यर्थियों को सपा का मोहरा बताए जाने पर नाराजगी व्यक्ति की है. कहा कि इस भर्ती में व नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थी किसी दल के नहीं बल्कि इस प्रदेश के नागरिक हैं.

उन्होंने कहा कि इस भर्ती में बहुत से ऐसे अभ्यर्थी शामिल हैं जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े हुए हैं, लेकिन उनकी पहुंच शासन सत्ता तक नहीं थी और वह दलित पिछड़े समाज से आते हैं. इसलिए उन्हें भी नौकरी से वंचित कर दिया गया.

640 दिन चला था आंदोलन:अमरेंद्र पटेल ने बताया कि नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के सभी अभ्यर्थी लखनऊ धरना स्थल इको गार्डन में लगातार 640 दिन तक धरना प्रदर्शन भी किया था. साथ ही साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक व अन्य राज्य एवं केंद्र के मंत्रियों के यहां जाकर ज्ञापन दिया और मामले के निस्तारण का निवेदन किया था. लेकिन, हमें न्याय के बदले लाठी और डंडे मिलते रहे. आंदोलन में शामिल महिलाओं को सड़कों पर घसीटा गया, पुलिस द्वारा पीटा गया. फिर भी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी रही. आज तक हमें न्याय नहीं मिला.

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