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बसपा का जनाधार मटिया-मेट; मायावती ने लोकसभा चुनाव में उतारे 79 प्रत्याशी, नतीजा 0, 69 की जमानत जब्त - BSP candidates lost deposits - BSP CANDIDATES LOST DEPOSITS

लोकसभा चुनाव में बसपा अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का खेल बिगाड़ने की हर संभव कोशिश की. इस चुनाव में जनता ने उनको पूरी तरह नकार दिया. बीएसपी ने यूपी में 79 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से 69 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी.

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यूपी में बीएसपी का कोई प्रत्याशी नहीं जीता (फोटो क्रेडिट- Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 7, 2024, 4:51 PM IST

Updated : Jun 7, 2024, 5:18 PM IST

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 79 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. किसी उम्मीदवार की जीत तो हुई नहीं प्रदेश भर में कोई दूसरे नंबर पर आने की संभावनाओं से भी काफी दूर रह गया. 79 सीटों में से 69 सीटों पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. ऐसे में भविष्य में बसपा की राजनीति क्या होगी, कैसे यह पार्टी फिर से यूपी में उबर पाएगी? इसे लेकर अभी से सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं.

इस लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को ज्यादा ही झटके लगे हैं. पार्टी को तमाम सीटों पर तो नोटा से भी कम वोट मिले और वोटिंग परसेंटेज भी 10 साल पहले के लोकसभान चुनाव से भी ज्यादा गिर गया. तमाम सीटों पर बीएसपी प्रत्याशियों ने भाजपा प्रत्याशियों को जिताने में मदद की और सपा कांग्रेस के उम्मीदवारों की उम्मीदों को चकनाचूर जरूर कर दिया.

उत्तर प्रदेश के 79 लोकसभा सीटों की बात की जाए तो इनमें से आठ लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर पार्टी प्रत्याशियों की जमानत तो जब्त हुई ही, नोटा से भी कम वोट हासिल कर पाए. इनमें से कानपुर से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े कुलदीप भदौरिया भी शामिल हैं. उन्हें सिर्फ 12032 वोट मिले. इनके अलावा मिर्जापुर, रॉबर्टसगंज, कैसरगंज, झांसी, बांदा, बहराइच, हमीरपुर और कौशांबी में भी पार्टी उम्मीदवारों की हालत खस्ता हुई.

नोटा ने इन सभी उम्मीदवारों को हरा दिया. इन सभी सीटों पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों की जमानत नहीं बच पाई है. गोरखपुर लोक सभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी की जमानत जब्त हो गई. बांसगांव लोकसभा सीट पर भी जमानत नहीं बची. महाराजगंज लोकसभा सीट पर बसपा को सिर्फ 32955 वोट ही मिले. देवरिया सीट पर भी बहुजन समाज पार्टी को 45564 वोट ही मिल पाए. डुमरियागंज में भी बीएसपी पीछे रह गई. बस्ती में भी पार्टी को झटका लगा. कुशीनगर में भी बीएसपी प्रत्याशी की जमानत नहीं बच पाई.

अमरोहा लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के मुजाहिद हुसैन हारे जरूर, लेकिन बसपा की इज्जत बचाने में सफल हुए. उन्हें 164099 वोट मिले. भदोही लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार हरिशंकर ने 155053 वोट हासिल कर भाजपा को जिताने में मदद की और इंडी गठबंधन के प्रत्याशी को हरा दिया. बहुजन समाज पार्टी के भी लाज रखी. अकबरपुर लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को 73140 वोट मिले जिसके चलते भाजपा के देवेंद्र सिंह भोले चुनाव जीत गए और सपा के राजा रामपाल चुनाव हार गए. बसपा की भी जमानत बच गई.

अमरोहा लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के मुजाहिद हुसैन ने इतने वोट पाए कि बहुजन समाज पार्टी का सम्मान बरकरार रहा. भले ही पार्टी को यहां से जीत नहीं मिली लेकिन बसपा प्रत्याशी मुजाहिद हुसैन को 164099 वोट मिले जिससे बीजेपी के कंवर सिंह तंवर ने चुनाव जीत लिया और कांग्रेस के उम्मीदवार दानिश अली चुनाव हार गए. बांसगांव लोकसभा सीट पर भाजपा के कमलेश पासवान चुनाव जीते, लेकिन इसकी वजह रहे बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी जिन्होंने 64750 वोट झटककर बसपा का सम्मान बचाया और कांग्रेस प्रत्याशी के सपनों को तोड़ दिया.

बिजनौर लोक सभा सीट पर राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी चंदन चौहान ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दीपक को 37508 वोट से हरा दिया, लेकिन इस जीत में सबसे बड़ी भूमिका निभाई. बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार चौधरी विजेंद्र सिंह को इस सीट पर 218986 वोट मिले जो बसपा के लिए सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाले उम्मीदवार भी बने. देवरिया लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के शशांक मणि त्रिपाठी ने जीत दर्ज की. उन्हें 504541 मत हासिल हुए जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार अखिलेश प्रताप सिंह को 469699 वोट मिले इस सीट पर हार का अंतर 34842 था.

कांग्रेस का सारा खेल बसपा के उम्मीदवार ने 45,564 वोट लेकर बिगाड़ दिया. फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार क्रांति पांडेय ने ऐसी क्रांति की जिससे समाजवादी पार्टी का खेल ही बिगड़ गया. साइकिल पंक्चर हुई और भाजपा का कमल खिल गया. इस जीत का अंतर महज 2678 वोट का रहा, जबकि बीएसपी के उम्मीदवार क्रांति पांडेय ने यहां पर 45390 वोट हासिल कर अपनी पार्टी की लाज रखी. फतेहपुर लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार ने 120 539 वोट हासिल कर बीजेपी के राजकुमार चाहर को जिताने में बहुत मदद की. इसी के चलते कांग्रेस के उम्मीदवार रामनाथ सिंह सिकरवार चुनाव हार गए. बसपा की इस सीट पर जमानत बच गई.

हरदोई लोकसभा सीट पर भी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी ने जबरदस्त लड़ाई लड़ी. बीएसपी उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर ने 122629 वोट हासिल किए. उनकी वजह से ही समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी उषा वर्मा चुनाव हार गईं और बीजेपी के जयप्रकाश रावत 27856 वोट से चुनाव जीत गए. बसपा की सीट पर जमानत बच गई. मेरठ लोकसभा सीट पर भी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी ने कमाल किया. यहां पर बीएसपी को 870 225 वोट मिले.

इसी के चलते मेरठ लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल की जीत हुई. मिर्जापुर लोकसभा सीट पर अपना दल की जीत इसीलिए हुई क्योंकि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी ने 14446 वोट हासिल कर लिए. पार्टी की तो इज्जत बचाई ही, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को हराने में भी अहम भूमिका निभाई. मिश्रिख लोकसभा सीट पर भाजपा के अशोक कुमार रावत एक बार फिर से इसीलिए जीत हासिल करने में कामयाब हुए, क्योंकि यहां पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी ने 111945 वोट हासिल कर लिए. समाजवादी पार्टी की संगीता राजवंशी इसी वजह से चुनाव हार गईं.

फूलपुर लोकसभा सीट पर एक बार फिर से कमल का फूल ही खिला है, लेकिन फूल को खिलाने में बसपा के हाथी की अहम भूमिका रही, क्योंकि यहां पर हार जीत का अंतर सिर्फ 4332 वोट का था. यहां पर बीएसपी के उम्मीदवार जगन्नाथ पाल ने 82586 वोट झटके और पार्टी का सम्मान बरकरार रखा. शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी के अरुण कुमार सागर जीत हासिल करने में कामयाब हुए, लेकिन इसके पीछे वजह रहे बसपा के उम्मीदवार.

बीएसपी प्रत्याशी ने 91710 वोट हासिल किए जिससे सपा की प्रत्याशी 55379 मतों से चुनाव हार गई. उन्नाव लोकसभा सीट पर भी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अशोक पांडे ने पार्टी का सम्मान बचा लिया उन्होंने 72527 वोट हासिल किया जबकि इस सीट पर भाजपा और सपा प्रत्याशी के जीत का अंतर सिर्फ 35818 वोट का रहा. बसपा की मदद से भाजपा के साक्षी महाराज एक बार फिर चुनाव जीतने में सफल रहे.

कब होती है प्रत्याशी की जमानत जब्त: लोकसभा सीट पर कुल मतदान के वध मत का एक बटे छे वोट पाने वाले कैंडिडेट की जमानत बच जाती है यह कुल मतदान का 16.6% हिस्सा होता है उदाहरण के तौर पर अगर किसी सीट पर एक लाख वोट पड़े हैं तो इसमें कैंडिडेट को 16.66 वोट मिलते हैं तभी उस उम्मीदवार की जमानत बच सकती है. जमानत जब्त होने पर उम्मीदवार की जमानत राशि जो 25,000 रुपये होती है, वह जब्त हो जाती है. चुनाव आयोग इस जमानत राशि को वापस नहीं करता है.

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Last Updated : Jun 7, 2024, 5:18 PM IST

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