उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 42वां दीक्षांत समारोह, आचार्य की टाॅपर टुंपा राय को मिले सर्वाधिक मेडल - Sampurnanand Sanskrit University - SAMPURNANAND SANSKRIT UNIVERSITY

वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में गुरुवार को 42वां दीक्षांत समारोह (42nd convocation ceremony) मनाया गया. इस मौके राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 31 मेधावियों में पदक का वितरण किया.

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 42वां दीक्षांत समारोह
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 42वां दीक्षांत समारोह (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2024, 6:11 PM IST

दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को बांटी गईं उपाधियां (Video credit: ETV Bharat)

वाराणसी :देश के सबसे प्राचीन संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 42वां दीक्षांत समारोह बेहद धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर संस्कृत में कार्यक्रम का संचालन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत घोषणा के साथ की. इस मौके राज्यपाल ने 31 मेधावियों में पदक का वितरण किया. इसके साथ ही 13773 विद्यार्थियों को उपाधियां बांटीं.


संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय देश के ऐतिहासिक विश्वविद्यालय में से एक माना जाता है, जो संस्कृत के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है. विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह अन्य विश्वविद्यालय की तुलना में बेहद अलग होता है. इसका आयोजन परिसर में मौजूद ऐतिहासिक धरोहर मुख्य भवन मे होता है. इसके साथ ही पूरे कार्यक्रम का संचालन संस्कृत भाषा में होता है. दीक्षांत समारोह में कुल 13733 उपाधि डिजिलॉकर के जरिए विद्यार्थियों को दी गई. इसके साथ ही 31 मेधावियों को 56 मेडल भी दिए गए, जिनमें 54 गोल्ड मेडल, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल शामिल रहा. इस बार सबसे ज्यादा 7 मेडल निम्बार्क वेदांतक में आचार्य कर रही पश्चिम बंगाल की छात्रा टुंपा राय को मिला. इसके साथ ही 17 विभागों के पीएचडी स्कॉलर को भी डिग्रियां दी गईं.

महिला खिलाड़ी की कहानी सुनाकर लोगों को दी प्रेरणा :इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि, हमें कुछ ऐसा करना चाहिए कि हमारी आने वाली पीढ़ी याद करे. उन्होंने विद्यापीठ में उत्कृष्ट महिला खिलाड़ी के रूप में गोल्ड मेडल पाने वाली आकांक्षा वर्मा की कहानी सभी से सांझा की और कहा कि, बेटियों की पढ़ाई और उन्हें आगे लेकर जाना बेहद मुश्किल काम है. आकांक्षा के पिता मोबाइल के कारीगर हैं. पहली बार जब आकांक्षा को विदेश जाना हुआ तो उनके पिता ने उधार पैसे लिए. दूसरी बार जब जाना हुआ तो उनके मां ने अपने गहने बेचे, लेकिन उन्हें विदेश भेजा. उन्होंने कहा कि कन्याओं को पढ़ाना बेहद मुश्किल है, लेकिन जब यह पढ़ती हैं तो आगे बढ़ती हैं. इस बात की मिसाल आकांक्षा है. उन्होंने कहा कि, संस्कृत में हमें और आगे बढ़ने की जरूरत है. पीएम मोदी के विजन से गरीब बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय तैयार हुआ है. ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि, हम गरीब बच्चों को उस विद्यालय तक पहुंचाएं और उन्हें इसका लाभ दे सकें. इस दौरान उन्होंने चंदौली जनपद के प्राइमरी स्कूलों में हुई शैक्षणिक प्रतियोगिता के बच्चों को सम्मानित किया और उन्हें बधाई दी.

गरीब बच्चों को संस्कृत में देनी है शिक्षा :इस मौके पर डिग्रियां पाने वाले विद्यार्थियों के चेहरे पर खुशी की लहर देखी गई. सर्वाधिक मेडल पाने वाली छात्रा टुंपा राय ने बताया कि, वह मूलरूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली है. आज उन्हें निंबार्क वेदांत में आचार्य की पढ़ाई के बाद सर्वाधिक अंक प्राप्त हुआ है. उन्हें 7 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. उन्होंने बताया कि मैं बेहद प्रसन्न हूं. आगे मैं शिक्षा के क्षेत्र में सेवा देकर कुलपति बनना चाहती हूं. मेरी इच्छा है कि मैं गरीब बच्चों को संस्कृत की शिक्षा दूं और उन्हें बताऊं कि संस्कृत एक बेहद अच्छा विषय है, जिसमें उनका उज्जवल भविष्य है.




'प्रोफेसर बनकर संस्कृत की करूंगा सेवा' :दूसरे गोल्ड मेडलिस्ट हिमाचल के शिमला जिले के रहने वाले प्रज्वल बताते हैं कि, उन्हें पांच स्वर्ण पदक शुक्ल यजुर्वेद विषय में टॉप करने पर मिले हैं. उन्होंने कहा कि संस्कृति हमारे प्राण का आधार है, यह पूरे विश्व की धरोहर है. संस्कृत के बिना कुछ भी संभव नहीं है. हम संस्कृत को आगे बढ़ाने की सोच के साथ इसमें पढ़ाई कर रहे हैं. मुझे बचपन से ही संस्कृत से बेहद लगाव रहा है. इस वजह से मैंने संस्कृत में आगे बढ़ने का निर्णय लिया. आज राज्यपाल से सम्मानित हुआ हूं, यह मेरे लिए सपने पूरे होने जैसा है. उन्होंने बताया कि आगे मुझे प्रोफेसर बनकर संस्कृत के क्षेत्र में अपनी सेवा देनी है.

यह भी पढ़ें : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की नई गाइडलाइन; अब एडमिशन के लिए संस्कृत बैकग्राउंड की अनिवार्यता खत्म - Sanskrit University Admission

यह भी पढ़ें : पुजारी, मंदिर प्रबंधन के लिए MBA जैसा कोर्स: संपूर्णानंद विवि कराएगा टेंपल मैनेजमेंट में पढ़ाई, 10 से अधिक कोर्सेज

ABOUT THE AUTHOR

...view details