लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के मुखिया भले ही कितनी कड़ी कार्रवाई क्यों न करते रहें, लेकिन चालक परिचालक अपनी ही मनमानी कर रहे हैं. उन्हें अपनी नौकरी जाने का भी डर नहीं रह गया है. वह अपनी जेब भरने में लगे हैं और निगम को जमकर चूना लगा रहे हैं. रोडवेज के एक संविदा कंडक्टर को इसी हरकत के चलते नौकरी से हाथ धोना पड़ गया. राजधानी के कैसरबाग बस स्टेशन से 43 यात्रियों को लेकर बहराइच जा रही बस की चेकिंग में 42 यात्री बिना टिकट यात्रा करते हुए धरे गए.
मामला बुधवार रात का है. परिवहन निगम मुख्यालय के चेकिंग दस्ते ने बाराबंकी टोल पर बस में छापेमारी की. यहां बस कंडक्टर ने कम दूरी का टिकट यात्रियों को थमाकर रोडवेज को प्रति यात्री 17 रुपये का चूना लगा दिया. 714 रुपये का कंडक्टर ने गबन किया. मामला उजागर हुआ, तो लखनऊ परिक्षेत्र के अफसरों में खलबली मच गई. जानकारी के मुताबिक कैसरबाग डिपो की बस नंबर यूपी 77 एएन 2212 बहराइच जा रही थी.
यह बस कैसरबाग से 43 सवारी लेकर निकली. मुख्यालय के प्रवर्तन दल ने बाराबंकी टोल पर चेकिंग के लिए बस रोकी. चेकिंग दल के मुताबिक परिचालक ने 42 यात्रियों का शार्ट डिस्टेंस का टिकट बनाया था. यात्रियों से मौके पर बयान लिया गया, तो सामने आया कि कैसरबाग बस स्टेशन से सवार हुए यात्रियों का टिकट कमता स्थित अवध बस स्टेशन से बनाया गया था. यात्रियों ने जब परिचालक से टिकट मांगा, तो कहा अभी देता हूं पर दिया नहीं. बाद में यात्रियों को जो टिकट दिया गया, वह अवध बस स्टेशन से बना था.
कंडक्टर की गई नौकरी: कैसरबाग बस डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अरविंद कुमार ने बताया कि आउटसोर्स से भर्ती संविदा बस कंडक्टर को मुख्यालय की रिपोर्ट के बाद बर्खास्त कर दिया गया. कंडक्टर धीरेंद्र कुमार की सिक्योरिटी मनी जब्त करते हुए नौकरी से बाहर करने का आदेश जारी किया गया है.
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