हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल के अस्पतालों में 914 वेंटीलेटर्स, 50 प्रतिशत से अधिक पड़े हैं बेकार - Ventilators in govt hospitals

ventilators in Himachal hospitals: हिमाचल के अस्पतालों में 498 वेंटीलेटर्स धूल फांक रहे हैं और इन्ही में से 128 वेंटीलेटर्स रखे-रखे खराब हो गए हैं. डिटेल में पढ़ें खबर...

हिमाचल के अस्पतालों में वेंटीलेटर्स
हिमाचल के अस्पतालों में वेंटीलेटर्स (कॉन्सेप्ट इमेज)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 31, 2024, 5:00 PM IST

शिमला: स्वास्थ्य के मोर्चे पर चमकदार उपलब्धियों वाले राज्य हिमाचल के अस्पतालों में लाइफ सेविंग के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले 498 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के धूल फांक रहे हैं. इन्हीं में से 128 वेंटीलेटर्स रखे-रखे खराब हो गए. कुल उपलब्ध 914 वेंटीलेटर्स में से केवल 416 वेंटीलेटर्स का ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में उपयोग हो रहा है.

ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती की तरफ से पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में सामने आई है. ऊना सदर से भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने चार हिस्सों में बंटे सवाल में वेंटीलेटर्स की संख्या, उनका उपयोग और ऑक्सीजन प्लांट्स के बारे में जानकारी मांगी थी.

स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल की तरफ से दिए गए लिखित जवाब में बताया गया कि कुल 914 वेंटीलेटर्स हैं और उनमें से 416 का प्रयोग हो रहा है, बाकी 498 बेकार पड़े हैं और इन्हीं में से 128 खराब हैं. सतपाल सिंह सत्ती ने ये भी जानना चाहा था कि कौन-कौन से ऑक्सीजन प्लांट खराब हैं.

कुल 56 में से 32 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील

हिमाचल के अस्पतालों में कुल 56 पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसरप्शन) ऑक्सीजन प्लांट्स हैं. इसके अलावा एक मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट भी है. पीएसए प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन एडमिट पेशेंट की ऑक्सीजन की जरूरत के आधार पर होता है. इन प्लांट्स में ऑक्सीजन उत्पादित होने के बाद स्टोर नहीं होती. इनमें से 24 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट बंद हैं. एक मेडिकल ऑक्सीजन गैस प्लांट भी बंद पड़ा है. इसके अलावा इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिमला में एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील है. यहां 150 सीयूएम/पर आवर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है.

रीजनल अस्पताल बिलासपुर के सभी 24 वेंटीलेटर्स कार्यशील हैं. वहीं, बिलासपुर जिला के सिविल अस्पताल मारकंड, सीएचसी पंजगाह, सीएचसी स्वारघाट, सिविल अस्पताल बरठीं में कोई भी वेंटिलेटर कार्यशील नहीं है.

सीएम के गृह जिला की स्थिति भी अच्छी नहीं

मेडिकल कॉलेज अस्पताल हमीरपुर में 69 में से केवल 18 ही वेंटीलेटर्स काम कर रहे हैं. कुल 51 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के पड़े हैं. तकनीकी स्टाफ की कमी इनके उपयोग में न लाए जाने का कारण बताया गया है. सिविल अस्पताल बड़सर में दो वेंटीलेटर्स हैं और दोनों ही काम कर रहे हैं.

किन्नौर के रीजनल अस्पताल रिकांगपिओ में 27 में से 22 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के हैं। कुल्लू के रीजनल अस्पताल के हालात ये हैं कि यहां पर सभी के सभी 21 वेंटीलेटर्स तकनीकी स्टाफ न होने से उपयोग में नहीं लाए जा रहे. नेरचौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 101 वेंटीलेटर्स में से 60 बिना उपयोग के हैं. जोनल अस्पताल मंडी में 26 में से 20 उपयोग में हैं. प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में 119 में से 60 वेंटीलेटर्स प्रयोग में लाए जा रहे हैं. डीडीयू अस्पताल शिमला में 25 में से केवल 4 वेंटीलेटर्स ही काम कर रहे हैं. नाहन के मेडिकल कॉलेज अस्पताल का हाल सबसे बुरा है. यहां पर 35 में से केवल एक ही वेंटिलेटर प्रयोग में लाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:जयराम ठाकुर जिसे समझते रहे जासूसी वाला ड्रोन, वो कुछ और ही मामला निकला... ऐसे हुआ खुलासा

ये भी पढ़ें:कर्मचारियों के डीए और एरियर को बहाने, लेकिन सुख की सरकार में अपनों के लिए खुला खजाने का मुख

ABOUT THE AUTHOR

...view details