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375 KM की कांवड़ यात्रा पर 4 साल का शिव्यांश, कंधे पर गंगाजल लेकर हरिद्वार से जा रहा दिल्ली - 4 year old child on Kanwar Yatra

हरिद्वार से दिल्ली पैदल कांवड़ यात्रा पर निकला 4 साल का नन्हा शिवभक्त लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. शिव्यांश अब तक 150 किलोमीटर कि यात्रा पूरी कर चुका है. पिता के साथ बहुत ही उत्साह के साथ जब वह चलता है तो लोगों की निगाहें उसी पर टिक जा रही है.

150 किलोमीटर तक की यात्रा पूरा कर चुका है मासूम
150 किलोमीटर तक की यात्रा पूरा कर चुका है मासूम (PHOTO credits ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 30, 2024, 8:26 PM IST

शिव्यांश से मोहा सबका मन (video credits ETV Bharat)

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सड़कों पर इन दिनों केसरियां रंग छाया हुआ है. हर तरफ भोलेनाथ के भक्त कांवड़ लिए दिखाई दे रहे हैं. इन्हीं शिवभक्तों में से एक है चार साल का नन्हा भक्त शिव्यांश. जो कि हरिद्वार से गंगाजल लेकर कंधे पर कांवड़ लेकर पैदल यात्रा कर रहा है. उसके परिवार के सदस्यों का कहना है कि, कांवड़ उनका नन्हा बच्चा ही ला रहा है, वह लोग सहयोगी के तौर पर साथ हैं.

भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह सावन चल रहा है. भोले के भक्तों का पूरे महीने कांवड़ यात्रा निकलता है. सड़कों पर कांवड़ यात्रा का विविध रंग रूप देखने को मिल रहे हैं. शिव भक्ति में लीन महिला पुरुष कंधे पर कांवड़ लेकर चल रहे हैं. वहीं नन्हे नन्हे बच्चे भी पीछे नहीं हैं. दिल्ली के रहने वाले चार साल के शिव्यांश भी भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन हैं.

नन्हा शिवभक्त शिव्यांश अब तक करीब 150 किलोमीटर का सफर तय कर चुका है. जबकि लगभग सवा दो सौ किलोमीटर का सफर तय करना बांकी है. मासूम से जब ईटीवी भारत ने बात की तो बड़ी ही मासूमियत से उसने सवालों के जवाब भी दिए.

शिव्यांश के साथ ही उसके पिता और कई अन्य शिवभक्त भी कांवड़ ला रहे हैं. मासूम के पिता शिवांकर ने बताया कि, इस बार माहौल बहुत अच्छा है, सुरक्षा के भी चाक चौबंद इंतजाम हैं. उन्होंने बताया कि कांवड़ लेकर उनका नन्हा बेटा ही चल रहा है, वह तो उसे सहयोग करने के लिए साथ चल रहे हैं.

शिवांकर के पिता आगे बताते हैं कि, उनका बेटा हमेशा भगवान भोलेनाथ की भक्ति में ही लीन रहता है. अक्सर जब भी उसे मौका मिलता है तो वह भगवान शिव के ही भजन सुनता है. साथ उन्होंने यह भी बताया कि, जब वह कांवड़ लेने के लिए घर से विदा हो रहे थे तो बेटा उनसे लिपट गया और उसने भी जिद की, जिसके बाद वह भी अपने बेटे को साथ लेकर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं.

शुभांकर ने बताया कि, हरिद्वार से मेरठ तक की यात्रा सकुशल संपन्न हो गई है और उम्मीद है कि आगे भी इसी तरह से संपन्न हो जाएगी और उनका बच्चा भी अभी तक पूरे जोश के साथ उसके संग लगातार आगे बढ़ रहा है.

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