लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले साढ़े सात साल में प्रदेशवासियों की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने वाले साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. इनमें 18 रीजनल साइबर क्राइम थानों, डिजिटल फॉरेंसिक लैब समेत हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क आदि शामिल हैं.
साइबर अपराधियों को नेस्तनाबूद करने के लिए एसटीएफ ने पिछले साढ़े सात साल में बड़ी कारवाई की है. एसटीएफ की कार्रवाई में साइबर अपराध में लिप्त 379 साइबर अपराधियों को अरेस्ट किया है. इनमें एसजीपीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर करीब दो करोड़ की ठगी करने वाले गैंग के 16 साइबर अपराधी भी शामिल हैं, जिन्हें एसटीएफ ने लखनऊ और गौतमबुद्धनगर से अरेस्ट किया था.
बड़े गिरोह का भंडाफोड़, 105 अरेस्ट:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशभर में बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए प्रदेश में साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए रीजनल साइबर क्राइम थानों, डिजिटल फॉरेंसिक लैब समेत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. इसके साथ ही प्रदेश में साइबर अपराध को रोकने, बड़े साइबर अपराधियों और गिरोह की कमर तोड़ने के लिए यूपीएसटीएफ को लगाया. इसी का परिणाम है कि पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रदेश में साइबर अपराध के मामलों में काफी गिरावट दर्ज की गई है.
सीएम योेगी के निर्देश पर यूपी एसटीएफ ने साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया जो अब भी जारी है. इस दौरान एसटीएफ ने क्लोन चेक बनाकर बैंक से ठगी, फर्जी टेलीकॉलिंग सेंटर से ऑनलाइन ठगी, बीमा कंपनियों के नाम पर ठगी समेत फर्जी बीमा कंपनी खोलकर ठगी करने वाले दर्जनों गिरोह का पर्दाफाश किया. एसटीएफ ने इस कार्रवाई में पिछले साढ़े सात साल में 379 साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा है.