उन्नावःजिले के कई गांवों डिप्थीरिया का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. सबसे ज्यादा डिप्थीरिया से जुड़े मामले नवाबगंज, हसनगंज और असोहा ब्लॉक के गांवों में हैं. अब तक सात गांवो में डिप्थीरिया के मामले सामने आ चुके हैं. जिसकी चपेट में आने से तीन बच्चों की मौत भी हो चुकी है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग अब जागा है और गांवों में टीम भेजनी शुरू की है.
नवाबगंज ब्लॉक में 2 बच्चों की मौतःनवाबगंज और असोहा ब्लॉक के तीन गांवों में डिप्थीरिया (गला घोटूं) बीमारी से तीन बच्चों की मौत हो गई. सतगुरखेड़ा गांव निवासी गोविंद की बेटी शिवन्या (6) के गले में खरास के साथ बुखार व खांसी आने से परिजन निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे. सुधार न होने पर 12 अगस्त को लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल लेकर गए थे. जहां डॉक्टर ने गला घोंटू बीमारी की आशंका जताते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था. 15 अगस्त की दोपहर इलाज के दौरान शिवन्या की मौत हो गई. वहीं, शिवन्या की बड़ी बहन सेजल (9) के भी गले में लक्षण दिखने पर इलाज कराया जा रहा है. इसी तरह नवाबगंज ब्लॉक के गांव बजेहरा निवासी सुनील कुमार की बेटी शगुन (12) को 7 अगस्त को बुखार व गले में दर्द होने पर परिजन सीएचसी लेकर गए थे. यहां से डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर किया था. जांच में डिप्थीरिया की पुष्टि होने पर कानपुर हैलट भेजा गया. आठ अगस्त को इलाज के दौरान शगुन की भी मौत हो गई.
दरियारखेड़ा गांव के 3 बच्चे चपेट में आएःवहीं, असोहा ब्लॉक के दरियारखेड़ा गांव निवासी रामेश्वर की बेटी आरती (7) को चार अगस्त को बुखार आने के साथ गले में दर्द के साथ सूजन आई. परिजन निजी अस्पताल लेकर गए. यहां सुधार न देख सरस्वती मेडिकल कॉलेज लाए थे. यहां जांच में डिप्थीरिया की पुष्टि होने पर लखनऊ किंगजॉर्ज मेडिकल कॉलेज भेजा था. 7 अगस्त को इलाज के दौरान आरती की भी मौत हो गई थी. वहीं, रामेश्वर का बड़ा बेटा मोहित (12), पड़ोसी राजोले के दो बेटे शुभ (7) व राजन (4) में डिप्थीरिया के चपेट में आ गए हैं. सहरावां गांव निवासी शिवा (6) पुत्र लक्ष्मण को यही दिक्कत होने पर जिला अस्पताल भेजा गया है. जहां से इलाज में सुधार में होने पर परिजन वापस घर ले आए. वहीं, उमर्रा गांव निवासी अंकित(4) पुत्र संदीप का इसी बीमारी के चलते किंगजॉर्ज मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. जिसकी हालत में सुधार है. ग्रामीणों का कहना है कि डिप्थीरिया के मामले बढ़ने के बावजूद अफसर और जनप्रतिनिधि सुध लेने नहीं पहुंचे हैं.
15 केस अब तक सामने आएःसीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि मामला जानकारी में आया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव भेजा गया है, ताकि बच्चों की जांच कराने के साथ उन्हें दवा दी जा सके. अब तक 15 मामले अ चुके हैं. असोहा, हसनगंज और नवाबगंज ब्लॉक में अधिकतर पीड़ित मिले हैं. टीम लगा कर जल्द से जल्द लोगों का वैक्सीनेशन करवाया जा रहा है.