नई दिल्ली:दिल्ली बुक फेयर में 28 वर्षों से देशभर के प्रकाशक अपने स्टॉल लगा रहे हैं. मेले में स्टेशनरी के भी कई स्टॉल लगाए गए हैं. इस बार दिल्ली बुक फेयर केवल 2 हॉल में लगा है. जबकि, पिछले सालों में इनकी संख्या काफी ज्यादा हुआ करती थी. गौरतलब है कि स्टेशनरी के काफी कम स्टॉल लगे हैं. प्रगति मैदान में लगे बुक फेयर में इस बार स्टेशनरी के 6 स्टॉल ही लगे हैं. ETV भारत ने बुक फेयर में आए स्टॉल लगाने वाले स्टेशनरी विक्रेताओं से वजह जानने का प्रयास किया. आइए जानते हैं उन्होंने क्या बताया ?
कोरोना काल के बाद से मेले में स्टेशनरी के स्टॉल हुए कमःदिल्ली पुस्तक मेले में अर्थ ब्रदर्स स्टेशनरी स्टॉल के मालिक प्रवीण जैन ने बताया कि वह 12 साल से लगातार फेयर में स्टेशनरी का स्टॉल लगा रहे हैं. कोरोना काल के बाद से मेले में स्टेशनरी के स्टॉल कम हुए हैं. पब्लिक फुटफॉल पर भी बुरा असर पड़ा है. अब मेले में नई कंपनियों ने आना बंद कर दिया है.
साथ ही स्टेशनरी को लेकर लोगों का रुझान भी कम हुआ है. पहले कई नई कंपनिया मेले में भाग लेती थी, लेकिन अब मेले में नई स्टेशनरी कंपनियों का आना छोड़िये, पुरानी भी नहीं आतीं. पहले दिल्ली पुस्तक मेले में स्टेशनरी की 60 से ज्यादा स्टॉल लगा करती थी. वहीं इस बार केवल 6 स्टॉल ही लगे है.
हॉल के चार्ज या रेंट काफी ज्यादाःस्टेशनरी के मशहूर ब्रांड डोम्स के विक्रेता गिरीश मेहरा ने बताया कि वह बीते 15 वर्षों से लगातार इस मेले में स्टॉल लगा रहे हैं. लेकिन अब दिल्ली बुक फेयर में काफी बदलाव आया हैं. पहले इस मेले का आयोजन कई हॉल्स में किया जाता था. इस बार तो केवल दो हॉल में ही दिल्ली पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है. इसके पीछे कारण है यहां के चार्ज या रेंट. पहले दिल्ली बुक फेयर का आयोजन 9 दिन के लिए किया जाता था लेकिन अब 5 दिन का ही रह गया है. 9 दिनों में रेंट का पैसा वसूल हो जाता था, लेकिन 5 दिन में इसकी भरपाई करना मुश्किल हो रहा है. यही मुख्य वजह है कि इस बार स्टेशनरी के काफी कम स्टॉल लगे हैं.