वाराणसीः वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में डॉक्टरों को एक बड़ी सफलता मिली है. यह बड़ी सफलता एक रेयर सर्जरी की वजह से मिली है. बता दे कि, बीएचयू अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने श्वास नली में पिछले 8 साल से पड़े हुए 25 पैसे के सिक्के को ऑपरेशन के जरिए निकाला है. सफलतापूर्वक ऑपरेशन संपन्न हुआ है और अभी मरीज स्वस्थ है. सबसे बड़ी बात यह ऑपरेशन महज 20 मिनट में अंजाम दिया गया. बताया गया कि जिस शख्स का ऑपरेशन हुआ है उसकी आयु 40 साल की है. जब वह 32 साल का था तब वह चवन्नी मुंह में रखकर सोया था और वह सिक्का सरक कर श्वांस नली में अटक गया था. अब उसे इस सिक्के से निजात मिली है.
बीएचूय में ऑपरेशन से निकाली चवन्नी. (photo credit: bhu) यह सर्जरी BHU के कार्डियो थोरेसिक सर्जन प्रोफेसर सिद्धार्थ लखोटिया और प्रोफेसर एसके माथुर के नेतृत्व में की गई है. प्रोफेसर सिद्धार्थ के अनुसार मरीज डर की वजह से सर्जरी नहीं कराना चाह रहा था, हालांकि सिक्के की वजह से कभी भी मरीज का दम घुट सकता था, उसके फेफड़े खराब हो सकते थे .अब छोटी से सर्जरी के जरिए मरीज की जान को बचा लिया गया है और मरीज पूरी तरीके से स्वस्थ है. शरीर में फंसी चवन्नी. (photo credit: etv bharat) एडवांस तकनीकी का हुआ है प्रयोग सिक्के निकालने वाली एनेस्थीसियोलॉजी विभाग की डॉक्टर अमृता ने भी बताया कि कई बार मरीज की थोड़ी सी गलती के कारण सिचुएशन खराब हो सकती है. जीवन के लिए खतरा हो सकता है. ऐसे में मरीज को सर्जरी की सलाह दी जाती है. इस सर्जरी की बात करें तो सिक्का निकालने के लिए हाई क्वालिटी की तकनीक एडवांस रिंगिंग ब्रोको स्कोप का इस्तेमाल किया गया है, जिससे मरीज पूरी तरीके से सुरक्षित रहे.वही सर्जन डॉक्टर रत्नेश का कहना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में BHU पहला ऐसा सरकारी अस्पताल है जहां मरीजों को इस तरीके के ऑपरेशन की सुविधा मिल रही है. उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि यदि कोई इंसान मुंह में कोई भी चीज रखकर सो जाता है तो यह उसकी श्नवांश नली में जाकर के अटक जाती है, जो खतरे को और भी ज्यादा बढ़ा देती है. ऐसे में सोते समय मरीजों को यह सलाह दी जाती है कि वह अपना मुंह अच्छे से धूल करके साफ करके सोए.20 मिनट में हुई है सर्जरी ग़ौरतलब हो कि,यह रेयर सर्जरी महज 20 मिनट में डॉक्टरों की टीम ने किया है कल मरीज को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी जाएगी. बताते चले कि बीते कुछ दिन पहले भी BHU के डॉक्टरों ने एक मरीज के श्वास नली में बीच बीते 6 साल से पड़ी अलमारी की चाबी को भी ऑपरेशन के जरिए निकाला था.