चमोली:-उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने और रिवर्स पलायन के उद्देश्य से भारतीय सेना की ओर से बाइक रैली का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के बाईकर शामिल हैं. ये सभी बाइकर्स सीमावर्ती क्षेत्र में जाकर सीमांत के लोगों को पर्यटन से जोड़ने के लिए जागरूक कर रहे हैं.
हिमालयी वाइव्रेंट विलेज क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ रिवर्स पलायन रोकने के उद्देश्य को लेकर इन दिनों उत्तराखंड के बोर्डर से सटे इलाकों में इंटीग्रेटेड हिमालयन मोटर साइकिल अभियान का आयोजन किया जा रहा है. इस रैली के आज ज्योतिर्मठ स्थित भारतीय सेना कैंप में पहुंचने पा पर जोरदार स्वागत हुआ. इस अभियान में करीब 22 बाइकें शामिल हैं.
ज्योतिर्मठ आर्मी कैंप पहुंचे 22 बाइकर्स (ETV BHARAT) इस अभियान के तहत करीब 22 बाइकर्स उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के सीमांत बायव्रेट विलेजों के 1800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर 12 दिनों में यह अभियान संपन्न करेंगे. इस मोटर साइकिल अभियान ने उत्तरकाशी जनपद के थांगला पास- माना दर्रा- मलारी रिमखिम-ज्योतिर्मठ होते हुए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास तक का सफ़र पूरा करना है. इस 'इंटीग्रेटेड हिमालयन मोटरसाइकिल' अभियान में इंडियन आर्मी की आई बैक्स ब्रिगेड के साथ-साथ रॉयल एनफील्ड और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड IOCL भी अपना सहयोग कर रही है.यह बाईक अभियान सीमांत क्षेत्रों में सेना और सिविलियन के अटूट रिश्तों को और मजबूती प्रदान करेगा.
दरअसल वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत यह अभियान शुरू किया गया है. यह अभियान इसलिए भी खास है क्योंकि यह पहली ऐसी MTB ड्राइव है, जो उत्तराखंड के गढ़वाल एरिया में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण दर्रों को छूने की भी कोशिश करेगी. अभियान का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही को बढ़ाना है. साथ ही बॉर्डर टूरिज्म और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना है.
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