नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के मामले में जांच पूरी कर ली है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने गुरुवार से इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई शुरू कर दी है. दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुआ दंगा गहरी साजिश का नतीजा था. आरोप तय करने पर कल यानि 6 सितंबर को भी सुनवाई जारी रहेगी.
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा कि 4 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) संसद से पारित होने के बाद दंगे की साजिश रची गई. उन्होंने चार्जशीट का जिक्र करते हुए कहा कि दंगे की इस साजिश में कई संगठन शामिल थे. इन संगठनों में पिंजरा तोड़, एएजेडएमआई, एसआईओ, एसएफआई इत्यादि संगठन शामिल थे. उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप में हुई बातचीत और गवाहों के बयानों का जिक्र करते हुए अपने बात की पुष्टि की.
दिल्ली दंगे की जांच पूरीः इससे पहले 4 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है. उसके बाद कोर्ट ने 5 सितंबर से आरोपों पर दलीलें रखने का आदेश दिया था. दरअसल, आरोपियों ने याचिका दायर कर कहा था कि आरोप तय करने पर दलील जांच पूरी होने पर ही शुरू की जाए. इस मामले के आरोपियों नताशा नरवाल और देवांगन कलीता की ओर से कहा गया था कि एफआईआर दर्ज होने के चार साल बीत जाने के बाद अब तक एक चार्जशीट और चार पूरक चार्जशीट दाखिल किए गए हैं. इसके बावजूद दिल्ली पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं हुई है.
बता दें, इस मामले में 6 मार्च 2020 को एफआईआर दर्ज की गई थी. उसके बाद अब तक एक चार्जशीट और चार पूरक चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. इस मामले में उमर खालिद समेत 18 आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है.