जयपुर:13 मई 2008 को जयपुर बम ब्लास्ट में अपने पिता घनश्याम तंवर को खोने के गम से उबरते हुए अब नाड़ी का फाटक निवासी मुस्कान तंवर की शादी होने जा रही है, जिसके गवाह प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी बनेंगे. ये शादी भी ठीक उसी शान-ओ-शौकत के साथ होगी, जैसे जयपुर की 9 बेटियों की हुई है. जी हां, राजस्थान प्रदेश पंजाबी महासभा, सर्व मंगल सेवा समिति और आर्य समाज ने मुस्कान तंवर की शादी कराने का बीड़ा उठाया है. मुस्कान की 2 साल पहले इंगेजमेंट हुई थी, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अब जाकर उनकी शादी हो रही है.
16 जनवरी को 16 साल पहले के जख्मों पर मरहम लगेगा. जब आमेर के कुंडा स्थित रोशन हवेली एंड रिसोर्ट में मुस्कान अपने होने वाले पति देवराज सिंह के साथ सात फेरे लेंगी. मुस्कान ने बताया कि उनके पिता 2008 बम ब्लास्ट में एक्सपायर हो गए थे. वो सांगानेरी गेट पर हनुमान मंदिर में प्रसाद चढ़ाने गए थे, लेकिन दोबारा लौटकर नहीं आए. पिता के अलावा परिवार में कोई कमाने वाला नहीं था. उनकी मां पर चार बच्चों की जिम्मेदारी थी.
ऐसे में राज्य सरकार ने उनकी मां को जॉब भी दिलाई, जिससे रहना-खाना, पढ़ाई-लिखाई का खर्च वहन हुआ, लेकिन अब जब उनकी शादी का समय आया, तो परिवार ने खुद को आर्थिक रूप से असहाय महसूस किया. ऐसे में उनकी मां हनुमान मंदिर गई, जहां पंडित ने बताया कि इस संबंध में वो समाजसेवी रवि नैयर से मिल सकती हैं. उन्होंने ही अब शादी की सारी जिम्मेदारी उठाई है. शादी की हर छोटी-बड़ी चीजों का खर्च और शॉपिंग तक का खर्चा वो वहन कर रहे हैं.
वहीं, रवि नैयर ने बताया कि 13 में 2008 को जयपुर में बम ब्लास्ट त्रासदी हुई तो अस्पताल में मृतकों के बिलखते हुए परिवार देखें. उस समय संकल्प लिया था कि कम से कम पीड़ित परिवारों के साथ चट्टान की तरह खड़े जरूर रहेंगे. उन्होंने बताया कि जो संपन्न परिवार थे, वो तो खड़े हो गए, लेकिन जो सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से कमजोर थे, उन परिवारों की बेटी की शादी करने का बीड़ा उठाया. उसी कड़ी में अब तक नौ बच्चियों की शादी कराई जा चुकी है और अब 10वीं बच्ची मुस्कान तंवर की शादी कराई जा रही है. 16 जनवरी की शादी है और ऐसा लग रहा है मानो खुद की बेटी की शादी हो. संस्थान, परिवार और साथी सभी इसे बेटी की शादी मानकर के ही काम कर रहे हैं और फिर दो-चार साल बाद मुस्कान की छोटी बहन की शादी भी कराएंगे.