गोरखपुर: पूर्वांचल की सबसे पुरानी और 162 वर्ष से संचालित होने वाली बर्ड घाट रामलीला कमेटी के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. कमेटी के अधीन जिस रामलीला मैदान पर हर वर्ष रामलीला का भव्य आयोजन होता है, उसका जीर्णोद्धार और नव निर्माण प्रदेश की योगी सरकार ने 5 करोड़ रुपये देकर कराया है. इसका शिलान्यास खुद मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से हुआ था. लेकिन मौजूदा समय में कमेटी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. इसकी जांच मुख्यमंत्री के निर्देश पर, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने जिला प्रशासन से करके रिपोर्ट भेजने को कहा है.
इसके बाद बरसों पुरानी इस रामलीला कमेटी और मैदान को लेकर सवाल खड़ा होने लगा है. शासन में इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से मिलकर हांसूपुर वार्ड की पार्षद लाली गुप्ता के प्रतिनिधि/ पति दिनेश कुमार गुप्ता ने की है. इसके बाद शिकायतकर्ता और रामलीला कमेटी से जुड़े हुए लोग आमने-सामने आ गए हैं. वहीं आरोपों से घिरी कमेटी से जुड़े पदाधिकारियों ने साफ कहा है कि, राजनीतिक द्वेष में की गई इस शिकायत का वह जांच कमेटी को जवाब देंगे. उन्होंने जरूरी सभी औपचारिकताओं और नियम कानून का पालन किया है.
यही वजह है कि जब उनके खिलाफ शिकायत की गई, तो उन्होंने स्वयं से आईजीआरएस पर, अपनी कमेटी की जांच शासन से करने की मांग कर दी है जिससे दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाए. जांच एसडीएम सदर को मिली है. बिना खाता खोले इस मैदान के बुकिंग और अन्य मद में धन के बंदरबाट की बात शिकायत में है. रामलीला मैदान की बुकिंग में नियम शर्तों का उल्लंघन करने, मांस मदिरा का मैदान में प्रयोग करने, और देर रात तक यहां सांस्कृतिक आयोजनों की आड़ में अनैतिक कृत्य किए जाने की शिकायत हुई है.
शिकायतकर्ता दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि जब उन्होंने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की और तय शर्तों के उल्लंघन की हकीकत पेश किया तो, इस मामले में शासन से कमिश्नर को जांच का आदेश हुआ. उस पर उन्होंने डीएम कृष्णा करूनेश को इस मामले में जांच कराने को कहा. शनिवार को इस मामले की जांच एसडीएम सदर को डीएम ने सौंप दी है. दिनेश कुमार गुप्ता का कहना है कि रामलीला मैदान में जो भी आयोजन होने हैं वह सांस्कृतिक और धार्मिक होने हैं. लेकिन रामलीला कमेटी ने इसे टेंडर करके शादी विवाह के लिए स्थाई मैरिज हाल बना दिया.
इसके नाम पर यहां गंदगी फैलनी शुरू हुई. देर रात तक यहां डीजे और फूहडता पेरोसने वाले गाने बजाने लगे. एक पूर्व पार्षद ने यह टेंडर ले रखा है. इसलिए आसपास के लोगों की शिकायत को भी पुलिस सुनकर भी अनसुना कर देती थी. मोहल्ले वालों का भी रामलीला मैदान में दे रात तक होने वाले आयोजनों से, जीना हराम था. राम के नाम पर इस धार्मिक स्थल पर, रामलीला कमेटी टेंडर देकर अश्लीलता और मांसाहार, शराब परोसने जैसे मामले की दोषी है. जो शासन द्वारा तय किए गए नियमों के विपरीत था. इसलिए उन्हें जनहित में मुख्यमंत्री से शिकायत करनी पड़ी.