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बनारस में 28 पिलर्स पर दौड़ेंगी 148 गोंडोला, मेट्रो की तर्ज पर डिजिटल पेमेंट की होगी व्यवस्था, जानिए क्या है तैयारी - Varanasi News

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 7:13 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में (148 Gondola in Varanasi) विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं. इसके तहत 28 खंभों पर 148 से ज्यादा गोंडोला ट्रॉली जल्द ही हवा में दिखाई देने वाली हैं.

बनारस में 28 पिलर्स पर दौड़ेंगी 148 गोंडोला
बनारस में 28 पिलर्स पर दौड़ेंगी 148 गोंडोला (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)

जल्द दिखेंगी 148 से ज्यादा गोंडोला ट्रॉली (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब हवा में सफर का सपना जल्द पूरे होने जा रहा है. 28 खंभों पर 148 से ज्यादा गोंडोला ट्रॉली जल्द ही आपको हवा में दिखाई देने वाली हैं. माना जा रहा है कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन के साथ इसका ट्रायल पूरा होगा और अक्टूबर तक पूरे फुल प्लेस में रोपवे का संचालन शुरू हो जाएगा.

मेट्रो की तर्ज पर डिजिटल पेमेंट की होगी व्यवस्था (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)

इसके साथ ही अब उस प्लान पर भी काम शुरू हो गया है, जिससे पब्लिक को भारत के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत रोपवे संचालन का लाभ मिल सकेगा. मेट्रो की तर्ज पर टिकट और डिजिटल पास की व्यवस्था के साथ ही अलग-अलग फेस में कैसे इसका संचालन होगा, कितनी देर में सफर पूरा होगा, इन सारी चीजों को अंतिम रूप देने में अब अधिकारी जुट गए हैं. वाराणसी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर टोटल 148 गोंडोला ट्राॅली का संचालन किया जाएगा. इसके लिए आर्डर लगा चुके हैं और अब बस उनके आने का इंतजार हो रहा है. घाट पर एक मोनो केबल, डाटा केबल गोंडोला को पब्लिक के देखने के लिए रखा गया है. अब इसी तरह की गोंडोला ट्राॅली वाराणसी में बड़ी संख्या में पहुंचने वाली है.

गोंडोला के संचालन की लगभग तैयारी पूरी (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)

इस बारे में रोपवे का कार्य कर रही नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड की प्रबंधक पूजा मिश्रा का कहना है कि ट्रायल रन से पहले सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, इसलिए जल्दबाजी नहीं की जा रही है. उन्होंने बताया कि रोपवे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर होगी जो करीब 16 मिनट में तय हो पाएगी. 35 से 45 मीटर की ऊंचाई से ट्रॉली का संचालन करना अपने आप में बड़ा टास्क है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा को बेहद गंभीरता से देखा जा रहा है. कुल 807 करोड़ रुपए की लागत से यह पूरा काम पूरा किया जाना है. इसे लेकर अब किराया निर्धारण और टिकट की व्यवस्था कैसे की जाएगी रोज इस रूट पर चलने वालों के लिए एमएसटी की तर्ज पर क्या प्लान होगा, यह सारी चीजों पर भी मंथन शुरू हो गया है. इसके लिए कुछ एजेंसियों से बातचीत चल रही है, जो मेट्रो की तर्ज पर कार्य करेंगी और डिजिटल तरीके से कार्ड जारी करते हुए एंट्री के लिए भी डिजिटल एंट्री प्वाइंट्स बनाए जाएंगे. लगभग 100 करोड़ रुपए से ज्यादा अब तक खर्च हो चुके हैं और कार्य को अब पूरी तरह से पटरी पर लाकर फाइनल रूप देने का काम भी तेजी से शुरू किया जा चुका है.

बनारस में 28 पिलर्स पर दौड़ेंगी 148 गोंडोला (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)


उन्होंने बताया कि रोपवे परियोजना के पहले पैकेज का काम लगभग पूरा होने को है. इसके लिए गोदौलिया और गिरजाघर रोपवे स्टेशन का स्ट्रक्चर प्री फैब्रिकेटेड स्टील से तैयार करने का काम शुरू होने जा रहा है, जबकि कैंट और विद्यापीठ स्टेशन का स्ट्रक्चर कंक्रीट से बनवाया जा रहा है. गोदौलिया से रथयात्रा के बीच घनी आबादी है, इसलिए कंक्रीट का स्ट्रक्चर यहां तैयार करना मुश्किल है, इसलिए स्टील स्ट्रक्चर पर ही पूरे स्टेशन का संचालन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि रूट विस्तार को लेकर अभी फिलहाल कोई बात नहीं हुई है. सबसे पहले और महत्वपूर्ण बात इस कार्य के प्रोजेक्ट की शुरुआत को पूरा करके इसका सफल ट्रायल करना है.

बनारस में जल्द दिखेंगी 148 से ज्यादा गोंडोला ट्रॉली (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)



उन्होंने बताया कि पूरा काम स्विट्जरलैंड के इंजीनियरों की निगरानी में पूरा किया जा रहा है. हैदराबाद की निर्माण एजेंसी विश्व समुद्र को निर्धारित समय पर काम पूरा करने के लिए कहा गया है. इलेक्ट्रॉन मैकेनिक उपकरणों का इंस्टालेशन शुरू हो चुका है जो रोपवे की लाइन को पास करने का काम करेगी, क्योंकि यहीं पर गोंडोला की गति धीमी और तेज होगी, इसलिए इसे बेहद सुरक्षित तरीके से लगाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कल 28 टावर तैयार होने हैं. जिनमें से सिगरा से रथयात्रा के बीच दो टावर स्थापित हो चुके हैं.

बनारस में 28 पिलर्स पर दौड़ेंगी 148 गोंडोला (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)


उन्होंने बताया कि पहले चरण में कैंट से रथयात्रा के बीच कुल 18 टावर बनाए जाने हैं. जिनमें काम तेजी से शुरू किया गया है. दूसरे चरण में गिरजाघर से गोदौलिया के बीच काम शुरू किया जा रहा है. गिरजाघर के पास फाउंडेशन और पीलिंग का काम चल रहा है. टोटल 148 गोंडोला का संचालन होना है. 10 से अधिक गोंडोला आ चुकी हैं. पूजा मिश्रा का कहना है कि स्विट्जरलैंड की कंपनी बार्थोलेट द्वारा भेजी गई गोंडोला की पहली खेप बनारस आ चुकी है. अलग-अलग क्षेत्र में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. गोदौलिया रथयात्रा तक दूसरे फेज का काम, जबकि कैंट से भारत माता मंदिर तक पहले क्षेत्र का काम संचालित हो रहा है. 6 मीटर प्रति सेकंड की गति से रोपवे पर गोंडोला का संचालन होना है. किराया निर्धारण करने और भुगतान के लिए मेट्रो जैसी व्यवस्था लागू हो इसके लिए डिजिटल कार्ड और टोकन सिस्टम से किराए का पेमेंट करवाया जाएगा.


उन्होंने बताया कुल पांच स्टेशन तैयार होने हैं. पहला कैंट, दूसरा काशी विद्यापीठ, तीसरा रथयात्रा, चौथा गोदौलिया और पांचवां गिरजाघर होगा. पार्किंग जोन और मरम्मत स्थल के रूप में विकसित एक अलग स्थान के लिए भी जगह बनाई जा रही है. डेढ़ टन का गोंडोला 800 किलोग्राम के वजन को उठाने की क्षमता रखेगा. उसी हिसाब से यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी. पहले क्षेत्र में ढाई किलोमीटर दूसरे क्षेत्र में 1.3 किलोमीटर गोंडोला का संचालन होगा, पहले क्षेत्र में 18 जबकि दूसरे क्षेत्र में 10 टावर तैयार होंगे.

इस बारे में वाराणसी विकास प्राधिकरण के वीसी पुल्किय गर्ग ने बताया जल्द ही रोपवे का ट्रायल रन होगा. उसके बाद पर्यटक यात्रा कर सकेंगे. हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगी. एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानी दोनों दिशाओं में एक घंटे में छह हजार यात्रियों का आवागमन होगा. गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचने में लगभग 16 मिनट लगेगा. एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकते है. रोपवे का संचालन 16 घंटे होगा.

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