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लखनऊ में बहन को बचाने के लिए 11वीं का छात्र बना चोर, घर से लाखों रुपये-जेवर चुराकर सहपाठी को दिया

क्लासमेट ने पीड़ित के 6 साल की बहन का अपहरण करने की धमकी देकर वसूले पैसे, मां की शिकायत पर पुलिस ने दर्ज किया केस

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

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छात्र ने अपने घर में की चोरी. (Etv Bharat)

लखनऊ: राजधानी में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. 11वीं के एक छात्र ने अपनी 6 वर्ष की बहन के लिए अपने ही घर में 6 लाख रुपये की चोरी कर ली. छात्र को उसी के साथ में पढ़ने वाला एक अन्य छात्र उसकी बहन का अपहरण करने की धमकी देकर पैसे वसूल रहा था. यह तब पता चला जब पीड़ित छात्र की मां को घर से कई जेवर गायब मिले. पीड़ित छात्र की मां की तहरीर पर गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.

पहली बार 16 हजार रुपये मांगे थेःगोमती नगर विस्तार की रहने वाली महिला ने बताया कि उसका बेटा 11वीं और बेटी यूकेजी में एक ही निजी स्कूल में पढ़ते हैं. बेटे के साथ पढ़ने वाले एक लड़के ने उससे दोस्ती की और करीबी बढ़ाकर उससे कुछ दिनों के लिए बीस हजार रुपये की मांग की. जिस पर उनके बेटे ने कहा कि उसके पास तो पैसे नहीं है, लेकिन मां की अलमारी से निकाल कर दे देगा. अगले दिन उनके बेटे ने 16000 रुपये उसे दे दिए. एक दिन जब इसकी जानकारी उन्हें हुई तो बेटे के दोस्त से मिली तब उसने 14000 रुपये वापस कर दिए. महिला के मुताबिक उसे लगा की यह बात अब यहीं पर आकर समाप्त हो जाएगी.

पहले ढाई लाख फिर 6 लाख रुपये और जेवर लिएःशिकायतकर्ता महिला ने बताया कि कुछ दिन बाद बेटे से उसके दोस्त ने फिर से पैसो कि डिमांड की. लेकिन उनके बेटे ने पैसे देने से इंकार कर दिया. जिस पर उसके 16 वर्ष के दोस्त ने उसे धमकी दी कि छुट्टी होने के बाद उसकी 6 साल की बहन का अपहरण कर लेगा. बहन की जान बचाना चाहते हो तो ढाई लाख रुपये लाकर दो. जिसकी डर से उनके बेटे ने घर पर रखे ढाई लाख रुपये अपने दोस्त को दे दिए. इतना ही नहीं उनके बेटे के दोस्त ने उसकी बहन का अपहरण की धमकी देकर 6 लाख रुपये कैश और कई जेवर उसे दे आया. जब घर से पैसे और जेवर गायब होने कि जानकारी उन्हें मिली तो बेटे से पूछताछ पर पूरी हकीकत पता चली. इसके बाद उस छात्र से मुलाकत करने कि कोशिश की गयी लेकिन कुछ भी पता नहीं चला. गोमती नगर इंस्पेक्टर ने बताया कि जिस छात्र पर आरोप लगा है वह नाबालिग है, पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है. जो भी तथ्य सामने आएंगे विधिक कार्रवाई की जाएगी.


बच्चों की सोच में हो रहा बदलाव, ध्यान देना जरूरी
मनोचिकित्सक देवशीष शुक्ला कहते हैं कि अपराध करने की उम्र नहीं होती. खासकर इस आधुनिक दौर में जब सोशल मीडिया और टीवी में कई तरह के अपराध से जुड़ी फिल्में और वेब सीरीज आती हैं. छोटी सी उम्र में ये वीडियो देख कर मन में आपराधिक सोच पैदा हो रही है. ऐसे में यदि कोई गलती एक हरकत पैरेंट्स पहली बार पकड़ते हैं तो उन्हें उसे पूरी तरह उसका निस्तारण करना चाहिए. अन्यथा यह सब दोहराये जाने की संभावना अधिक होती है, जो सबसे अधिक घातक हो सकती है. इसके अलावा अपने बच्चों से बात जरूर करें ताकि वो स्कूल में होने वाली हर बात साझा करें.

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