उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

यूपी में 6 समेत देश में खुलेंगे 100 फेसिलिटेशन सेंटर, जानिए शिक्षण संस्थानों को किस तरह होगा फायदा - शिक्षण संस्थान फेसिलिटेशन सेंटर

शिक्षण व्यवस्था में निखार और संस्थानों को राहत पहुंचाने के लिए यूपी समेत पूरे देश में फेसिलिटेशन सेंटर (UP Educational Institutions Facilitation Center ) खोले जाने हैं. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है.

े्पि
पि्ेप

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 18, 2024, 1:23 PM IST

लखनऊ : शिक्षण संस्थानों की मदद और संबद्धता को लेकर देश में 100 फेसिलिटेशन सेंटर खुलेंगे. इसकी शुरुआत हो चुकी है होगी. यूपी में 6 सेंटर आगरा, गोरखपुर, कानपुर नगर, गजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और वाराणसी में खुलेंगे. वहीं, रिसर्च और इन्नोवेशन को बढ़ावा देने के लिए कॉलेजेज और डीम्ड यूनिवर्सिटी एआईसीटीई के साथ मिलकर दो महीने में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की शुरुआत करेंगे.

एआईसीटीई चेयरमैन प्रो. टीजी सीतारमण ने इस पर विस्तार से जानकारी दी. एलयू में अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम के दौरान उन्होंने कहा कि देश में इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कोर्स में पिछले 3 सालों में 10-12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने दोहरी डिग्री और जुड़वा कार्यक्रम शुरू करने को लेकर इंस्टीट्यूट को एक साथ आने के लिए कहा. उन्होंने न्यू ऐज कोर्स जैसे मेगाट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हाइड्रोकार्बन जैसे कार्यक्रम शुरू करने की बात कही.

मान्यता नहीं देता एआईसीटीई :उन्होंने कहा कि रुरल और सेमी अर्बन में रोजगार के लिए प्लेसमेंट पोर्टल बनाया है. इसमें 3000 से अधिक कंपनी रजिस्टर हैं. क्वालिटी एजुकेशन के लिए सेल्फ लर्निंग और मूक प्लेटफॉर्म दिए हैं. इसमें 10 हजार कोर्सेस दिए गए हैं. ग्राउंड लेवल पर काम के लिए रीजनल वर्कशॉप हो रही हैं. उन्होंने कहा कि एआईसीटीई किसी को मान्यता नहीं देता है. राज्य विश्वविद्यालय कोर्सेस के लिए यूजीसी से ही मान्यता लेनी होगी. एआईसीटीई टीचर्स ट्रेनिंग, इंटर्नशिप प्रोग्राम और करिकुलम में असिस्ट करेगा.

13 भाषा में शुरु हुए डिप्लोमा कोर्स :प्रो. सीतारमण ने कहा कि उन्होंने हिन्दी में इंजीनियरिंग की शुरुआत कर दी है. 78 कॉलेज में 13 भाषा में डिप्लोमा कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं. इसमें पहले और दूसरे साल की किताबें भी ऑनलाइन आ गई हैं. 70 देशों से 7 लाख लोगों ने ऑनलाइन किताबें डाउनलोड की हैं. अभी 22 भाषाओं का लक्ष्य निर्धारित है.

पांच कुलपतियों को सौंपा घोषणापत्र :एनएसआईएल शिखर सम्मेलन का तीन दिवसीय समापन वाल्मीकि मंडप में हुआ. समापन पर बतौर मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, वीबीयूएसएस के महासचिव प्रो नरेंद्र कुमार तनेजा, राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो कैलाश चंद्र शर्मा और एलयू कुलपति उपस्थित रहे. प्रो कैलाश चंद्र शर्मा ने 55 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की भागीदारी की सराहना की.

सम्मेलन से निकले लखनऊ घोषणापत्र के पांच बिंदुओं पर प्रकाश डाला. इसमें समाज, सहयोग, सुधार, सततता एवं संस्कार की अवधारणाएं और उनके एक्शन बताए. मौके पर सांकेतिक रूप से घोषणापत्र चार कुलपतियों और एक स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य को दिया गया. उन्होंने इसे सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू करने की बात कही. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने एनईपी के साथ पुराने भारत के पुनरुत्थान की भविष्यवाणी की.


हमारी शिक्षा परंपरा बेहतर, हम भूल गए :बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि हमारी इतनी अच्छी शिक्षा परंपरा रही हैं पर इसको हम कैसे और क्यों भूल गए हैं. इसका प्रायश्चित करना भी चाहिए. ये सकारात्मक होना चाहिए. 1947 के बाद स्वाभाविक रूप से सबके मन में सवाल आया कि हमारी रुचि और परंपराओं के अनुसार सब कुछ हम कर देंगे. दुनियाभर के देश हमारी ओर आस लगाकर देख रहे थे. ज्ञान परंपरा को सबके सामने रखने का साहस भी हममें नही था. सौभाग्य से पिछले कुछ सालों बड़ा बदलाव आया है.

यह भी पढ़ें :BHU में फिर तोड़फोड़-हंगामा; हादसे में युवक की मौत पर बवाल, वीसी कार्यालय पर पथराव

ABOUT THE AUTHOR

...view details