लखनऊ : शिक्षण संस्थानों की मदद और संबद्धता को लेकर देश में 100 फेसिलिटेशन सेंटर खुलेंगे. इसकी शुरुआत हो चुकी है होगी. यूपी में 6 सेंटर आगरा, गोरखपुर, कानपुर नगर, गजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और वाराणसी में खुलेंगे. वहीं, रिसर्च और इन्नोवेशन को बढ़ावा देने के लिए कॉलेजेज और डीम्ड यूनिवर्सिटी एआईसीटीई के साथ मिलकर दो महीने में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की शुरुआत करेंगे.
एआईसीटीई चेयरमैन प्रो. टीजी सीतारमण ने इस पर विस्तार से जानकारी दी. एलयू में अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम के दौरान उन्होंने कहा कि देश में इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कोर्स में पिछले 3 सालों में 10-12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने दोहरी डिग्री और जुड़वा कार्यक्रम शुरू करने को लेकर इंस्टीट्यूट को एक साथ आने के लिए कहा. उन्होंने न्यू ऐज कोर्स जैसे मेगाट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हाइड्रोकार्बन जैसे कार्यक्रम शुरू करने की बात कही.
मान्यता नहीं देता एआईसीटीई :उन्होंने कहा कि रुरल और सेमी अर्बन में रोजगार के लिए प्लेसमेंट पोर्टल बनाया है. इसमें 3000 से अधिक कंपनी रजिस्टर हैं. क्वालिटी एजुकेशन के लिए सेल्फ लर्निंग और मूक प्लेटफॉर्म दिए हैं. इसमें 10 हजार कोर्सेस दिए गए हैं. ग्राउंड लेवल पर काम के लिए रीजनल वर्कशॉप हो रही हैं. उन्होंने कहा कि एआईसीटीई किसी को मान्यता नहीं देता है. राज्य विश्वविद्यालय कोर्सेस के लिए यूजीसी से ही मान्यता लेनी होगी. एआईसीटीई टीचर्स ट्रेनिंग, इंटर्नशिप प्रोग्राम और करिकुलम में असिस्ट करेगा.
13 भाषा में शुरु हुए डिप्लोमा कोर्स :प्रो. सीतारमण ने कहा कि उन्होंने हिन्दी में इंजीनियरिंग की शुरुआत कर दी है. 78 कॉलेज में 13 भाषा में डिप्लोमा कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं. इसमें पहले और दूसरे साल की किताबें भी ऑनलाइन आ गई हैं. 70 देशों से 7 लाख लोगों ने ऑनलाइन किताबें डाउनलोड की हैं. अभी 22 भाषाओं का लक्ष्य निर्धारित है.