विनेश फोगाट की अपील पर आज नहीं आया फैसला, अब 11 अगस्त को होगा ऐलान - Paris Olympics 2024
Paris Olympics 2024 : भारत की स्टार महिल पहलवान विनेश फोगाट ने महिलाओं के 50 किग्रा कुश्ती फाइनल से अयोग्य घोषित किए जाने के खिलाफ अपील दायर की थी, जिस पर फैसला रविवार देर रात तक सुनाई जा सकता है. पढ़ें पूरी खबर.
नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती फाइनल से भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य करार कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने सीएएस (कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट) ने अपील दायर की थी. उन्होंने अपील में कहा था कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए, जिस पर सुनवाई लगातार जारी है. आज इस पर फैसला आने वाला था, जो अब रविवार को दिया जा सकता है.
अब रविवार रात 9:30 आएगा फैसला सीएएस की ओर से विनेश की अपील पर फैसला आज यानि शनिवार को भारतीय समयानुसार रात 9:30 बजे आने वाला था लेकिन अब विनेश के इस मामले पर फैसला आज नहीं दिया गया है. अब रविवार यानि 11 अगस्त को इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कहा कि उसे पक्ष में ही फैसला आने की उम्मीद है.
आईओए की ओर से जारी किया गया बयान आईओए ने एक बयान जारी किया है, जिसमें लिखा है, 'सीएएस के तदर्थ प्रभाग ने विनेश फोगट बनाम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति मामले में एकमात्र मध्यस्थ डॉ. एनाबेले बेनेट को निर्णय जारी करने के लिए 11 अगस्त, 2024 को शाम 6:00 बजे तक का समय बढ़ा दिया है. तर्कसंगत आदेश बाद में जारी किया जाएगा'.
क्या है पूरा मामला विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल में प्रतिस्पर्धा करने से 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित किया गया था. अयोग्य घोषित किए जाने के बाद, विनेश ने दो मामलों में अपील की थी. बता दें कि पहला मामला उन्हें फाइनल मुकाबले की शुरुआत से पहले वजन कम करने की अनुमति देने का था और दूसरा मामला उन्हें संयुक्त रजत पदक देने का था.
उन्होंने मंगलवार को अपने मुकाबलों के दौरान निर्धारित वजन सीमा के भीतर ही यह पदक यानि सिल्वर मेडल अर्जित किया था. पहली अपील को CAS ने तुरंत खारिज कर दिया और फाइनल तय समय पर हुआ. अदालत ने गुरुवार को दूसरी अपील स्वीकार कर ली और दूसरी याचिका पर अभी भी फैसला आना बाकी है. बता दें कि विनेश का प्रतिनिधित्व हाई-प्रोफाइल वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया ने किया है.