नई दिल्ली : भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की चोट प्रबंधन और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के लिए तेज गेंदबाज को न भेजने के बीसीसीआई के फैसले पर सवाल उठाए हैं, जिसमें भारत 3-1 से हार गया था.
ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर रहे शमी
टखने की चोट के कारण 2023 विश्व कप फाइनल के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलने और 2024 की शुरुआत में सर्जरी कराने के बावजूद, तेज गेंदबाज ने घरेलू लाल गेंद क्रिकेट में भाग लिया, जिससे ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के दौरान उनकी वापसी की उम्मीद बढ़ गई. लेकिन, मेलबर्न में चौथे टेस्ट से पहले उन्हें आधिकारिक तौर पर बाहर कर दिया गया था, क्योंकि बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने घुटने में सूजन का हवाला दिया था.
वह एनसीए में कब से बैठा है, मुझे नहीं पता: शास्त्री
शास्त्री और पोंटिंग का मानना है कि शमी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा और सीरीज के अंत में वापसी को टाला जा सकता था. शास्त्री ने कहा कि शमी को ऑस्ट्रेलिया ले जाया जा सकता था और फिर उनकी भागीदारी पर निर्णय लिया जा सकता था.
आईसीसी रिव्यू में, जब उनसे पूछा गया कि क्या शमी मेलबर्न या सिडनी में सीरीज को अपने पक्ष में कर सकते थे ? उन्होंने कहा, 'बिल्कुल, इसमें कोई संदेह नहीं है. शास्त्री ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो, मैं मीडिया में चल रही इस बातचीत से बहुत हैरान था कि मोहम्मद शमी के साथ वास्तव में क्या हुआ. रिकवरी के मामले में वह कहां है? उन्होंने कहा, 'वह एनसीए में कब से बैठा है, मुझे नहीं पता. वह कहां खड़ा है, इस बारे में उचित बातचीत क्यों नहीं हो पा रही है? उसकी क्षमता के अनुसार खिलाड़ी होने के कारण मैं उसे ऑस्ट्रेलिया ले आता'.