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पेरिस पैरा ओलंपिक खेलों में हुआ सिलेक्शन, पर एक रिपोर्ट ने बर्बाद कर दिया इन प्लेयर्स का करियर - PARALYMPIC 2024 PARIS - PARALYMPIC 2024 PARIS

पेरिस में आयोजित होने वाले पैरा ओलंपिक 2024 में भाग लेने वाले मध्य प्रदेश की एक पैरा एथलीट डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गई हैं. इसके साथ ही दो अन्य खिलाड़ियों का नाम भी पॉजिटिव रिपोर्ट में लिया गया है.

PARALYMPIC 2024 PARIS
मध्य प्रदेश के 3 पैरा ओलंपियन डोपिंग टेस्ट में हुए फेल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 9:13 AM IST

Updated : Jul 24, 2024, 1:11 PM IST

PARALYMPIC 2024 PARIS मध्य प्रदेश के 3 पैरा एथलीट्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. एनएडीए द्वारा आयोजित इन तीन दिव्यांग खिलाड़ियों की डोपिंग टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. जिनमें पैरा ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही एक महिला खिलाड़ी भी शामिल हैं. इन तीनों ही खिलाड़ियों का करियर अचानक बुलंदियों पर पहुंचकर धराशाई हो गया है. अब इन खिलाड़ियों के खेलने पर अस्थायी प्रतिबंध भी लगा दिया गया है.

पैरा एथलीट गजेंद्र सिंह डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए (ETV Bharat)

3 पैरा खिलाड़ियों का डोपिंग टेस्ट पॉजिटिव आया
कुछ महीने पहले मध्य प्रदेश के पैरा खिलाड़ियों में उत्साह की लहर थी, क्योंकि भारत से पेरिस पैरा ओलंपिक में भाग लेने जा रहे दिव्यांग खिलाड़ियों में पैरा कैनो स्पोर्ट के लिए क्वालीफाई करने वाले चार में से 3 मध्य प्रदेश के खिलाड़ी थे. ये दिव्यांग खिलाड़ी अपने खेल और मेहनत की दम पर भारत को मेडल दिलाने का जज़्बा रखते हैं, लेकिन इनमें से एक पैरा एथलीट का सपना कांच की तरह बिखर गया है. क्योंकि डोप टेस्ट में उनके शरीर में प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया है. हालांकि वे अकेली ऐसी खिलाड़ी नहीं है. उनके अलावा डोप टेस्ट पॉजिटिव होने से दो और अन्य दिव्यांग खिलाड़ियों का करियर भी थम गया है.

डोपिंग टेस्ट पॉजिटिव मामले में शालिनी चौधरी का भी नाम शामिल (ETV Bharat)

पॉजिटिव आया इन खिलाड़ियों का डोपिंग टेस्ट
पैरा ओलंपिक में पैरा कैनो वॉटर स्पोर्ट्स में भारत के चार खिलाड़ी क्वालिफाई किए थे. जिनमें तीन मध्य प्रदेश के थे. उम्मीद की जा रही थी की भिंड की दिव्यांग खिलाड़ी पूजा ओझा, ग्वालियर की पैरा ओलंपियन प्राची यादव और रजनी झा इस बार भारत को भी एक बार फिर गोल्ड मेडल समर्पित करेंगी, लेकिन दिव्यांग खिलाड़ी रजनी झा पैरा ओलंपिक की उड़ान भरने से पहले ही रेस से बाहर हो गई हैं, क्योंकि कुछ समय पहले राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (एनएडीए) द्वारा कराए गए डोपिंग टेस्ट में दो अन्य पैरा एथलीट्स रांची राष्ट्रीय खेलों की गोल्ड मेडलिस्ट डिस्कस थ्रोअर शालिनी चौधरी और एशियन पेरा चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रहे पैरा कैनो खिलाड़ी गजेंद्र सिंह के साथ ही पॉजिटिव पाई गई है.

पैरा ओलंपिक में शामिल होने वाली थी रजनी झा
इन खिलाड़ियों की डोपिंग टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद तीनों पर ही खेलने पर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस पर निर्णय अब सुनवाई के बाद होगा. डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव रिपोर्ट पाए जाने पर पैरा ओलंपिक्स में हिस्सा लेने जा रही पैरा केनों खिलाड़ी रजनी झा ने हंगरी में आयोजित हुई पेरा कैनो वर्ल्ड चैंपियनशिप में सेमीफ़ाइनल प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हांसिल कर पैरा ओलंपिक के लिए क्वालीफ़ाई कर लिया था. वे पेरिस में आयोजित होने वाले पैरा ओलंपिक में केएल-2 वूमेंस 200 मीटर कंपीटिशन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली थीं.

पैरा खिलाड़ी रजनी झां पर लगाया गया प्रतिबंध (ETV Bharat)

खिलाड़ियों पर लगा प्रतिबंध
29 मार्च को NADA द्वारा जब रजनी झा के डोपिंग टेस्ट के लिये सैंपल लिया गया, तो उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. उनके शरीर में प्रतिबंधित पदार्थ मिथाइल टेस्टोस्टेरोन की मात्रा पायी गई. इसके बाद उन पर प्रतिबंध लागू कर दिया गया है. जिसका मतलब है कि फिलहाल वे पेरिस नहीं जा पायेंगी. रजनी झा के अलावा पैरा एशियन चैंपियनशिप गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके पैरा कैनो खिलाड़ी गजेंद्र सिंह भी डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाये गये हैं. उनके शरीर में भी नॉरेंड्रोस्टरोन जो एक तरह का एस्टरॉयड है और स्पोर्ट्स में प्रतिबंधित है पाया गया है.

गजेंद्र सिंह बोले- षड्यंत्र का शिकार हुआ
दिव्यांग खिलाड़ी गजेंद्र सिंह करियर के इस मुकाम पर आकर डोपिंग के केस में फंस चुकें हैं. उनके आगे खेलने की उम्मीद प्रतिबंध की वजह से ना के बराबर नजर आ रही है. हालांकि ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि "वे किसी के षड्यंत्र का शिकार हो गये हैं." उनका कहना है कि "अच्छी परफॉरमेंस की वजह से वे एसोसिएशन में खटकने लगा था. इसीलिए राजनीति का शिकार हो गया. सभी खिलाड़ी एनएडीए की गाइडलाइन का पालन करते हैं, लेकिन प्रैक्टिस के दौरान 19 मार्च को किसी ने मेरे बैग में रखी ड्रिंक्स में कुछ मिला दिया. ये साजिशन किया गया, क्योंकि ठीक 24 घंटे के अंदर ही 20 मार्च को मेरा डोपिंग टेस्ट कराया गया. ऐसे में रिपोर्ट के आधार पर सीधे तौर पर मुझे रास्ते से हटा दिया गया."

जा सकती थी गजेंद्र की जान
गजेंद्र बातचीत ने बताया कि "उनके शरीर में पाया गया ऐस्टरॉयड इतना खतरनाक था, जिससे जान भी जा सकती थी. मेडिकल टर्म में बात करें तो नॉरेंड्रोस्टरोन की मात्रा शरीर में 21 होने पर किसी भी व्यक्ति की मौत हो सकती है और गजेंद्र सिंह के शरीर में इस स्टेरॉयड की मात्रा 19 थी." पैरा एथलीट गजेंद्र सिंह का मानना है कि ड्रिंक्स के जरिए उनके शरीर में जाते ही इसने साइड फ़्लैट दिखाने शुरू कर दिए थे. उनकी तबियत बिगड़ी डायरिया हुआ जिसकी वजह से इसका लेवल नहीं जा सका और उनकी जान बच सकी, लेकिन जिसने भी ये किया उसकी मंशा भगवान की कृपा से पूरी नहीं हो सकी. भले ही वे इस केस में फंस गए, लेकिन उनका परिवार उनके जीवित रहने से खुश है.

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केस में बाकी है अभी सुनवाई

बहरहाल रजनी झा और गजेंद्र सिंह के साथ ही पैरा एथलीट्स रांची राष्ट्रीय खेलों की गोल्ड मेडलिस्ट डिस्कस थ्रोअर शालिनी चौधरी भी डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई हैं. उनके शरीर में प्रतिबंधित पदार्थ मेटांडिएनोन मेटाबोलाइट की मात्रा मिली है. अब उन पर भी अस्थायी रूप से प्रतिबंध लागू कर दिया गया है. हालांकि इन केसों में सुनवाई अभी बाकी है.

Last Updated : Jul 24, 2024, 1:11 PM IST

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