नई दिल्ली : जब मनिका बत्रा ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता, तो वह भारतीय महिला टेबल टेनिस की ध्वजवाहक बन गईं. पिछले छह वर्षों में, कई और भारतीय महिला पैडलरों ने विश्व मंच पर अपनी छाप छोड़ी है, और 29 वर्षीय मनिका का मानना है कि भारत के पास 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले पेरिस ओलंपिक में टेबल टेनिस पदक जीतने का मौका है.
बत्रा ने भारतीय महिला टीम को पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो भारतीय टेबल टेनिस के लिए पहली बार था. वह मई में विश्व नंबर 2 और पूर्व विश्व चैंपियन चीन की वांग मन्यु और जर्मनी की विश्व नंबर 14 नीना मित्तलहम को हराकर डब्ल्यूटीटी सऊदी स्मैश के क्वार्टर फाइनल में भी पहुंचीं.
बत्रा ने अल्टीमेट टेबल टेनिस (यूटीटी) के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहा, 'भारत ने पहली बार क्वालीफाई किया, यह एक बड़ी उपलब्धि है. मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि हम (कैंप में) एक साथ कैसे काम कर रहे हैं. मुझे लगता है कि हमारे पास पदक जीतने का मौका है और हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए'.
उन्होंने कहा, 'भारत में महिला टेबल टेनिस का विकास वास्तव में प्रेरणादायक है. मैं अपने कई साथी खिलाड़ियों को वास्तव में अच्छा खेलते हुए देखती हूं. टीम में हर कोई प्रेरित है और कड़ी मेहनत कर रहा है. भारत में महिला टेबल टेनिस का विकास निश्चित रूप से और आगे बढ़ेगा'.
भारत में महिला टेबल टेनिस के विकास के बारे में बोलते हुए, विश्व की 28वें नंबर की खिलाड़ी बत्रा ने यूटीटी को श्रेय दिया और युवा भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी सितारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खेलने का मौका देकर उन्हें जो अनुभव प्रदान किया है.