नई दिल्ली: भारत के ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने 18 दिसंबर को ब्रिस्बेन में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी श्रृंखला के तीसरे टेस्ट के समापन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. जिसके बाद दुनिया भर से उनको शुभकामनाएं दी जा रही है. अब पड़ोसा मुल्क पाकिस्तान ने भी अश्विन की तारीफ की है और उसे दुनिया का बेहतरीन स्पिनर बताया है. अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लेकर मुथैया मुरलीधरन के बाद दूसरे सबसे सफल ऑफ स्पिनर है.
विश्व क्रिकेट को अश्विन की कमी खलेगी: सकलैन मुश्ताक
कभी अश्विन के आलोचक रहे पाकिस्तान के बेहतरीन ऑफ स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने कहा कि विश्व क्रिकेट को अश्विन की कमी खलेगी. 2011 में सकलैन मुश्ताक ने रविचंद्रन अश्विन को हरभजन सिंह की जगह भारतीय टीम में शामिल किए जाने पर नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उस समय सकलैन ने अश्विन के टीम में शामिल होने को "समय से पहले चयन" बताया था.
लेकिन जब 18 दिसंबर 2024 को चेन्नई के इस ऑफ स्पिनर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, तो सकलैन ने कहा कि अश्विन ने उन्हें अपने विचार बदलने पर मजबूर कर दिया. हालांकि वे दोनों कभी एक-दूसरे के खिलाफ नहीं खेले हैं, लेकिन सकलैन पिछले कुछ वर्षों में अश्विन की गेंदबाजी के मुरीद हो गए हैं.
सकलैन ने टेलीकॉम एशियन स्पोर्ट को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'जब 2011 में अश्विन को भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया था, तो मैंने इसे समय से पहले चयन बताया था, क्योंकि मुझे लगा था कि हरभजन तब भी टीम में बने रहने के लिए काफी अच्छे थे. लेकिन मुझे यह स्वीकार करना होगा कि अश्विन ने अपने तेजी से उभरने, बुद्धिमत्ता और बेहतरीन बल्लेबाजों को फंसाने की कला से मेरे विचार बदल दिए, जिसने उन्हें विश्व क्रिकेट के सबसे महान स्पिनरों में से एक बना दिया.'
अश्विन हमेशा खेल का एक अच्छा छात्र था: सकलैन मुश्ताक
49 टेस्ट मैचों में पाकिस्तान के लिए 208 विकेट लेने वाले सकलैन ने कहा,'जब मैंने कहा कि उसका चयन जल्दबाजी में किया गया था, तो मुझे डर था कि यह लड़का उम्मीदों के बोझ तले दब सकता है क्योंकि हरभजन जैसे महान खिलाड़ी की जगह लेना आसान नहीं था. लेकिन उसने छलांग लगाकर सुधार किया और इसका मुख्य कारण यह था कि वह हमेशा खेल का एक अच्छा छात्र था. वह सीखता रहा और इसने उसे एक महान गेंदबाज बना दिया, सकलैन ने कहा कि सामान्य रूप से भारतीय क्रिकेट और विशेष रूप से विश्व क्रिकेट को अश्विन की कमी खलेगी और जहां भी क्रिकेट खेला और देखा जाएगा, अश्विन की कमी खलेगी'.
सकलैन ने 2016-17 में इंग्लैंड के भारत दौरे पर स्पिन गेंदबाजी सलाहकार के रूप में अश्विन को करीब से देखा है. पिछले कुछ वर्षों में वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश की टीमों के सलाहकार के रूप में, उन्होंने विभिन्न टीमों के लिए अश्विन की गेंदबाजी पर भी कड़ी नजर रखी है, जिन्हें उन्होंने कोचिंग दी है.
अश्विन स्पिन गेंदबाजी की कला जानते हैं: सकलैन मुश्ताक
47 वर्षीय सकलैन ने कहा, 'उन्होंने अपना नाम बना लिया था, लेकिन मुझे इसका एहसास तब हुआ जब मैंने उनसे घरेलू उड़ान में बात की. हम साथ बैठे थे और जब उन्होंने सामान्य रूप से स्पिन गेंदबाजी और विशेष रूप से क्रिकेट के बारे में बात की, तो मुझे एहसास हुआ कि वह एक बुद्धिमान क्रिकेटर हैं जो स्पिन गेंदबाजी की कला जानते हैं. वहां से मुझे हमेशा उनसे बात करने में मज़ा आता था. मैंने हमेशा उनकी गेंदबाजी का आनंद लिया है और जब भी मुझे हाइलाइट देखने को मिला, तो उन्होंने हमेशा मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया. वह बहुत ही परिष्कृत, व्यावहारिक लड़का और बुद्धिमान गेंदबाज है जो बेहतरीन बल्लेबाजों को भी अपनी अनोखी चालाकी से फंसा सकता है. मैं उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, वह जो भी करेंगे, वह वैसे ही करेंगे जैसे उन्होंने क्रिकेट खेला है.