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मयंक यादव के कोच देवेंद्र शर्मा ने किया बड़ा खुलास, कहा- 'मैंने उसके जैसा कोई तेज गेंदबाज कभी नहीं देखा' - IND vs BAN

Mayank Yadav coach Devender Sharma : भारत और बांग्लादेश के खिलाफ 6 अक्टूबर से टी20 सीरीज का शुरुआत होने वाली है. ऐसे में भारत की नई तेज गेंदबाजी सनसनी मयंक यादव के कोच देवेंद्र शर्मा ने उनको लेकर बड़ा बयान दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

Mayank Yadav
लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम के साथ मयंक यादव (IANS PHOTO)

By IANS

Published : Sep 29, 2024, 5:29 PM IST

नई दिल्ली: भारत के उभरते तेज गेंदबाज मयंक यादव को बांग्लादेश के खिलाफ 6 अक्टूबर से शुरू होने वाली तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए टीम में शामिल किए जाने के बाद पहली बार भारत की ओर से बुलाया गया है. उनके कोच देवेंद्र शर्मा ने कहा कि युवा तेज गेंदबाज कई महीनों तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर रहने के बाद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक है. कोच की मानें तो शिष्य भारत के लिए अपने पदार्पण मैच में मजबूत प्रभाव डालेगा. चोट के कारण लंबे समय तक बाहर रहने के बाद यादव को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण ने सीरीज में खेलने की मंजूरी दे दी है.

देवेंद्र शर्मा को लगता है कि, 'मुझे उस पर बहुत गर्व है. अगर वह चोटिल नहीं होता तो भारतीय टीम में उसका चयन पहले ही हो जाता. आईपीएल 2024 में एलएसजी के लिए अधिकांश मैच मिस करने के बाद वह निराश था, लेकिन एनसीए की मदद से वह पूरी तरह से फिट और ठीक है. कड़ी मेहनत कर रहा है और उसी गति से गेंदबाजी कर रहा है. निश्चित रूप से वह गेंद से अच्छा प्रदर्शन करेगा. वह इसके लिए भूखा है'.

21 वर्षीय दाएं हाथ के तेज गेंदबाज का चयन आईपीएल के बाद से ही पेट में होने वाली लगातार खिंचाव से उबरने के महीनों बाद हुआ है. 2024 के सीजन में, केवल चार मैच खेलने के बावजूद, मयंक ने अपनी शानदार गति से बहुत बड़ा प्रभाव डाला, नियमित रूप से 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद फेंकी थी. पंजाब किंग्स (PBKS) के खिलाफ़ अपने डेब्यू में उन्होंने 27 रन देकर 3 विकेट लिए, जिसमें उनका कुल टूर्नामेंट इकॉनमी रेट 6.99 रहा. हालांकि पेट की चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा, जिससे उनका बेहतरीन सीजन छोटा हो गया.

कोच देवेंद्र शर्मा ने इसके बाद की धीमी और सावधानीपूर्वक रिकवरी प्रक्रिया पर प्रकाश डाला और कहा, 'वह सीधे बेंगलुरु में एनसीए गए और अपनी फिटनेस, डाइट और सभी जरूरी रिकवरी स्टेप्स पर काम करना शुरू कर दिया. यह एक धीमी प्रक्रिया थी क्योंकि पेट की चोट के लिए सर्जरी की जरूरत थी और इससे उबरने में समय लगा. जब उन्होंने फिर से अभ्यास करना शुरू किया, तो उनकी गति थोड़ी कम हो गई, लेकिन अब वह पूरी तरह से फिट हैं और उसी गति और सटीकता के साथ गेंदबाजी कर रहे हैं'.

राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने बांग्लादेश सीरीज से पहले एनसीए में हार्दिक पांड्या, रियान पराग, संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा जैसे खिलाड़ियों के साथ मयंक को विशेष शिविर में शामिल किया. मयंक के कोच का मानना ​​है कि यह उनके शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत है, लेकिन उन्होंने तेज गेंदबाज के कार्यभार को लेकर सावधानी बरतने का आग्रह किया.

शर्मा ने आगे कहा, 'वह अभी भी बहुत युवा है, इसलिए उसका शरीर अन्य तेज गेंदबाजों की तरह पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है. उसे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में धीरे-धीरे विकसित होने देने के लिए चयनात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए. गति तो कई लोग पैदा कर सकते हैं, लेकिन उसके पास जो सटीकता है, वह अद्भुत है'.

इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जोंटी रोड्स ने मयंक की प्रशंसा करते हुए उनकी तुलना दिग्गज तेज गेंदबाज एलन डोनाल्ड से की थी. रोड्स ने कहा, 'हमारे गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने मयंक को गेंदबाजों का 'रोल्स रॉयस' कहा, ठीक वैसे ही जैसे हम एलन डोनाल्ड को कहते थे. मयंक एलएसजी के रोल्स रॉयस हैं.

शर्मा ने इस बात की संभावना जताई कि इस साल के अंत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए मयंक नेट बॉलर के तौर पर टीम का हिस्सा हो सकते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या युवा तेज गेंदबाज को तैयारी के लिए टीम के साथ जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा, 'क्यों नहीं? अगर बीसीसीआई चाहता है तो उसे जाना चाहिए. उसकी गति पूरी तरह से स्वाभाविक है. मैंने उसके जैसा कोई स्वाभाविक तेज गेंदबाज कभी नहीं देखा'.

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