सिलीगुड़ी: जोंटी रोड्स उन कुछ क्रिकेटरों में से एक हैं, जिन्हें पहली बार इस देश में आने के बाद भारत से प्यार हो गया. क्रिकेट में फील्डिंग की परिभाषा बदलने वाले इस महान खिलाड़ी को भारत से इतना लगाव है कि उन्होंने अपनी बेटी का नाम भी 'इंडिया' रख दिया है. वह खेल-कूद के सिलसिले में कई बार कोलकाता आ चुके हैं. लेकिन जोंटी ने ईडन गार्डन्स के बाहर बंगाल को कभी उस नजर से नहीं देखा था.
पूर्व प्रोटियाज स्टार शुक्रवार को अपने पहले दौरे के लिए उत्तर बंगाल में हैं. जोंटी ने आज सिलीगुड़ी में एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल के निमंत्रण पर क्रिकेट कोचिंग शिविर के उद्घाटन के अवसर पर क्रिकेट के बारे में बात की है. भारतीय टीम हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला हारने के बाद डब्ल्यूटीसी फाइनल से बाहर हो गई. हालांकि, जसप्रीत बुमराह की धारदार गेंदबाजी चर्चा के केंद्र में है.
जब गुजरात का यह तेज गेंदबाज मुंबई इंडियंस में शामिल हुआ था, तब जोंटी रोड्स फ्रेंचाइजी के गेंदबाजी कोच थे. पूर्व प्रोटियाज क्रिकेटर ने बुमराह के शुरुआती दौर को करीब से देखा है. वर्तमान भारतीय उपकप्तान के पास उस समय मुंबई इंडियंस में दिग्गज लसिथ मलिंगा मेंटर के रूप में थे. रोड्स का मानना है कि इससे बुमराह के करियर को मदद मिली है.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 139 कैच लेने वाले रोड्स कहा, 'एक फील्डिंग कोच के तौर पर मैं कह सकता हूं कि बुमराह एक फील्डर के तौर पर बहुत अच्छे नहीं थे. लेकिन एक गेंदबाज के तौर पर उन्होंने हर मैच में, यहां तक कि हर अभ्यास में भी सुधार किया और मुंबई इंडियंस में उन्हें मलिंगा जैसे गुरु मिले. लेकिन बुमराह ने इन अवसरों का लाभ उठाया'.
दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है. जोंटी प्रोटियाज ब्रिगेड की प्रशंसा करते हुए कप्तान टेम्बा बावुमा की तुलना हैंसी क्रोनिए से करने से हिचकते हैं. इसके साथ ही प्रोटियाज क्रिकेटर ने यह भी कहा कि आधुनिक क्रिकेट में फील्डिंग में काफी बदलाव आया है.
जोंटी ने कहा कि एक फील्डर के तौर पर वह अपने बैकवर्ड प्वाइंट्स और फाउल्स के लिए जाने जाते हैं. लेकिन आजकल फील्डिंग मैदान पर कहीं भी करने में सहज हैं. जोंटी ने आईपीएल में कैच लेने के आंकड़ों का हवाला देते हुए पिछले दशक में भारतीय टीम द्वारा फील्डिंग में किए गए सुधार की भी तारीफ की है.
पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर जोंटी ने रविन्द्र जडेजा को अपना पसंदीदा फील्डर बताया है. पूर्व अफ्रीकाई क्रिकेटर ने सौराष्ट्र के क्रिकेटर को एक सक्षम ऑलराउंडर भी बताया है. जोंटी ने कहा कि, कोई कुछ भी कहे, टेस्ट क्रिकेट ने कभी अपना गौरव नहीं खोया है. जोंटी ने कहा कि टी-20 क्रिकेट के प्रभुत्व ने क्रिकेट के इस विशिष्ट प्रारूप की प्रतिष्ठा को कुछ हद तक नुकसान पहुंचाया है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट अभी भी अपनी चमक बिखेर रहा है.