अहमदाबाद: 2016 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले जसप्रीत बुमराह का बचपन गुजरात के अहमदाबाद में गुजरा. उनका पूरा नाम जसप्रीत जसबीर सिंह बुमराह है. बुमराह जब मात्र 7 साल के थे तो उनके पिता जसबीर सिंह का निधन हो गया था. तब से उनकी मां दलजीत कौर ने ही अकेले उनका पालन-पोषण किया.
पिछले कुछ सालों में जसप्रीत बुमराह भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण के धुरी बनकर उभरे हैं, और हाल ही में संपन्न बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में, वह सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे है, जिसके कारण उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार दिया गया. इस तेज गेंदबाज ने दुनिया भर के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में से एक के रूप में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की है.
ईटीवी भारत के साथ एक विशेष बातचीत में बुमराह के बचपन के कोच किशोर त्रिवेदी ने कहा कि उनके गेंदबाजी एक्शन के कारण बल्लेबाजों के लिए उनका सामना करना मुश्किल हो जाता है. उनकी गेंदबाजी में विविधता उनकी सबसे बड़ी ताकत रही जिससे उन्हें विकेट लेने में मदद मिली है.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में बुमराह का शानदार प्रदर्शन
आईसीसी टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में बुमराह 907 रेटिंग अंकों के साथ चार्ट में शीर्ष पर है, जो किसी भारतीय गेंदबाज द्वारा अब तक का सबसे अधिक है. उन्होंने 2024 में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान खेले गए 5 मैचों की 9 पारियों में 13.06 के बेहतरीन औसत के साथ कुल 32 विकेट झटक चुके हैं. इस दौरान उनका इकोनॉमी रेट 2.76 का रहा है.
बुमराह के पास अभी बहुत सारी विविधताएं हैं
किशोर त्रिवेदी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आगे कहा कि बुमराह के पास अभी बहुत सारी विविधताएं हैं. पहले, वह ज्यादातर यॉर्कर पर ध्यान केंद्रित करते थे. अब उन्होंने अपने शस्त्रागार में स्लोअर और बाउंसर को भी शामिल कर लिया है. विभिन्न प्रकार की विविधताएं उन्हें विकेट लेने में मदद करती हैं.