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माधुरी किंडो ने इंडियन हॉकी का जताया आभार, बताई अपने संघर्ष की कहानी - Hockey

Madhuri Kindo ने अपने जीवन के बारे में खुलकर बात करते हुए अपने संघर्ष के बारे में खुलकर बात की है. उन्होंने इस बातचीत के दौरान इंडियन हॉकी का आभार भी जताया है. पढ़िए पूरी खबर...

Madhuri Kindo
माधुरी किंडो (ians photos)

By IANS

Published : Jun 24, 2024, 2:30 PM IST

Updated : Jun 24, 2024, 3:02 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय महिला टीम की गोलकीपर माधुरी किंडो, जिन्हें हाल ही में जूनियर टीम से पदोन्नत किया गया है, उन्होंने खेल को जीवन में सम्मान और स्थिर आय का स्रोत देने का श्रेय दिया है. माधुरी ओडिशा के बिरमित्रपुर के एक साधारण किसान परिवार से हैं, उन्होंने अपने जीवन और संघर्षों के बारे में खुलकर बात की है.

माधुरी ने अपने जीवन में हॉकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, 'बिरमित्रपुर में हमारे पास बिना पक्की छत वाले दो घर थे और परिवार में एकमात्र स्थिर आय मेरे भाई मनोज की थी. उन्होंने करीब एक साल तक नए घर के निर्माण का सारा खर्च उठाया और पश्चिमी रेलवे से नौकरी का प्रस्ताव मिलने के बाद, मैं आखिरकार उनके साथ बोझ साझा कर सकती हूं. अपने भाई की मदद करने में सक्षम होना मेरे लिए संतुष्टिदायक था, जिस खेल से उन्होंने मुझे परिचित कराया. मैं हॉकी की आय, समुदाय में सम्मान और उपलब्धि की भावना के मामले में मुझे जो कुछ भी मिला है, उसके लिए आभारी हूं'.

जब उनके पिता शंकर किंडो खेतों में काम करते थे, तब माधुरी अपने भाई मनोज किंडो के हॉकी खेलने से खुश हो जाती थीं. उनके नक्शेकदम पर चलते हुए, माधुरी ने हॉकी स्टिक उठाई और 2012 में पानपोश स्पोर्ट्स हॉस्टल में शामिल हो गईं. माधुरी शुरू में एक डिफेंडर के रूप में शामिल हुईं, लेकिन शानदार खेल के चलते वो गोलकीपर बन गईं. ओडिशा से राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कई बार भाग लेने के बाद, माधुरी को 2021 में भारतीय जूनियर टीम में शामिल किया गया.

जापान में जूनियर महिला एशिया कप 2023 में उनके शानदार प्रदर्शन ने सभी का ध्यान खींचा, जहां टीम ने स्वर्ण पदक जीता, जिसके बाद उन्हें मुंबई में पश्चिमी रेलवे से नौकरी का प्रस्ताव मिला. रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड हॉकी टीम में जगह बनाने के अलावा, माधुरी ने इस साल अप्रैल में एसएआई बेंगलुरु में एक मूल्यांकन शिविर के बाद भारतीय टीम में भी कदम रखा है. उन्हें अभी सीनियर में पदार्पण करना बाकी है, लेकिन माधुरी अपनी आदर्श सविता के साथ प्रशिक्षण लेने के अवसर का आनंद ले रही हैं.

उन्होंने कहा, 'जूनियर और सीनियर टीमों के बीच का अंतर इतना ज़्यादा नहीं है क्योंकि टीम में मेरे पास सविता, बिचू देवी खारीबाम और बंसरी सोलंकी जैसे सीनियर खिलाड़ी हैं जो मेरे खेल में मेरी मदद करते हैं. उन्हें हर दिन कड़ी ट्रेनिंग करते हुए देखने से मुझे उच्चतम स्तर पर खेल के बारे में ज़्यादा जानकारी हासिल करने में मदद मिली है. मेरे पास सुधार की बहुत गुंजाइश है और जैसे-जैसे मैं टीम में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही हूं, मैं अपनी कमज़ोरियों पर काम कर रही हूं ताकि मैं भविष्य में टीम को जीत दिला सकूँ. मैं दुनिया भर की सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ़ खेलने के लिए उत्सुक हूं'.

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Last Updated : Jun 24, 2024, 3:02 PM IST

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