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भारत के टेबल टेनिस प्लेयर शरत कमल ने बोली बड़ी बात, कहा- 'ओलंपिक में राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलने पर गर्व है' - Paris Olympic 2024

टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल ने कहा कि उन्हें तमिलनाडु से पेरिस ओलंपिक 2024 में राष्ट्रीय ध्वज लेकर जाने पर गर्व है. वो ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीतने की चाहत रखते हैं. पढ़िए पूरी खबर...

Paris Olympic 2024
शरत कमल (IANS PHOTOS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 9, 2024, 6:37 PM IST

चेन्नई: ओलंपिक खेलों में भाग लेना और पदक जीतना विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों का लंबे समय से सपना रहा है. भारत की ओर से इस प्रतियोगिता में विभिन्न खिलाड़ियों ने भाग लिया है और स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं. पेरिस ओलंपिक 2024 खेलों की शुरुआत 26 जुलाई होगी और प्रतियोगिता 11 अगस्त तक खेली जाने वाले हैं. तमिलनाडु के टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल इस ओलंपिक टूर्नामेंट में भाग लेने जा रहे हैं.

शरत कमल (ETV Bharat)

चेन्नई के अन्ना नगर में गो फॉर गोल्ड नामक एक निजी संगठन ने कल (8 जुलाई) अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल को सम्मानित करने के लिए एक समारोह आयोजित किया, जो पेरिस ओलंपिक में भाग लेंगे और भारत का राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलेंगे. शरत कमल ने कार्यक्रम के बाद प्रेस वार्ता में कहा, 'मैं अब अपनी 5वीं ओलंपिक सीरीज खेलने जा रहा हूं. पहली बार हमारी टीम टेबल टेनिस टूर्नामेंट में चुनी गई है. हमने अब तक टीम और व्यक्तिगत वर्ग में खेला है. इस बार हमारे पास जीतने का अच्छा मौका है.

पेरिस ओलंपिक में राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलना गर्व की बात
शरत ने कहा, 'पेरिस ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत का राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलना न केवल मेरे लिए बल्कि दुनिया के टेबल टेनिस खिलाड़ियों के लिए भी गर्व की बात होगी. मैं 26 जुलाई के उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं, जब मैं राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलूंगा. मैं पिछले चार महीनों से ओलंपिक के लिए ट्रेनिंग कर रहा हूं. मैंने इस ओलंपिक के लिए ठीक से ट्रेनिंग की है. अब मैं प्रतियोगिता में भाग लेने के अंतिम चरण में हूं. अगले 10 दिनों में मैं जर्मनी और फ्रांस में ट्रेनिंग करूंगा और ओलंपिक में भाग लूंगा. हमारी टीम अच्छी तरह से प्रशिक्षित है और खेलने के लिए इंतजार कर रही है'.

शरत कमल (IANS PHOTOS)

स्कूलों में खेलों को महत्व दिया जाना चाहिए
उन्होंने आगे बात करते हुए कहा, 'हम निश्चित रूप से इस ओलंपिक खेलों में कम से कम एक पदक जीतना चाहते हैं. चलो पदक लेकर आते हैं. हम बहुत करीब हैं. मैंने 4 साल की उम्र से टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था. मैं अपने स्कूल से मिले पूरे सहयोग की वजह से इस मुकाम तक पहुंचा हूं. खिलाड़ी चाहे कितना भी सफल क्यों न हो, स्कूल के सहयोग के बिना वह आगे नहीं बढ़ सकता. स्कूलों में अधिक सहयोग मिलने पर खेलों में सफलता मिल सकती है. हमारे देश में बहुत से प्रतिभाशाली लोग हैं. अगर बचपन से ही उचित प्रशिक्षण दिया जाए तो निश्चित रूप से सफलता मिल सकती है। इससे अधिक विजेता तैयार होंगे'.

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