नई दिल्ली: हर क्रिकेटर अपने देश के लिए खेलना और अपनी टीम को जीत दिलाने का सपना देखता है, लेकिन कोई भी शून्य (डक) पर आउट होने के बारे में नहीं सोचता. कभी-कभी टीम के लिए तेज खेलने के लिए एक खराब शॉट या नॉन-स्ट्राइकर की गलती के कारण बल्लेबाज आउट हो जाते है. इसलिए, बल्लेबाज का शून्य पर आउट होना क्रिकेट में आम बात है, लेकिन कुछ बल्लेबाज ऐसे भी हैं जो कम से कम एक फॉर्मेट में कभी भी शून्य पर आउट नहीं हुए.
यशपाल शर्मा (वनडे)
भारत ने 1974 में वनडे क्रिकेट खेलना शुरू किया था, तब से अब तक कुल 256 क्रिकेटरों ने वनडे क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. हालांकि, केवल एक क्रिकेटर ऐसा रहा है जो कभी शून्य पर आउट नहीं हुआ और वह भारत के शानदार मध्यक्रम बल्लेबाज और 1983 वनडे विश्व कप विजेता टीम के सदस्य यशपाल शर्मा है.
यशपाल शर्मा को 1978 से 1985 तक भारतीय वनडे टीम में मजबूत मिडिल ऑर्डर बैट्समैन के तौर पर जाना जाता है, उन्होंने 42 मैच खेले और एक भरोसेमंद खिलाड़ी बने रहे और कभी शून्य पर आउट नहीं हुए. 40 पारियों में उन्होंने 28.48 की औसत और 63.02 की स्ट्राइक रेट से 883 रन बनाए.
पारी को संवारने की यशपाल की आदत ने उन्हें उस दौर में भारत के लिए एक भरोसेमंद खिलाड़ी बनाता है. यशपाल शर्मा के अलावा, बृजेश पटेल, रविचंद्रन अश्विन और इरफान पठान ऐसे अन्य बल्लेबाज हैं जिन्होंने अपने-अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में शून्य पर आउट हुए बिना विभिन्न प्रारूपों में बल्ले से योगदान दे कर अच्छा प्रदर्शन किया है.
बृजेश पटेल (टेस्ट)
टेस्ट क्रिकेट में भारत के पूर्व बल्लेबाज बृजेश पटेल एक ऐसा नाम है जो शून्य पर आउट नहीं हुए. 1974 से 1977 के बीच 21 टेस्ट खेलते हुए पटेल ने 29.45 की औसत से 972 रन बनाए. उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 115 रन है जो दबाव में बड़ी पारियां खेलने की उनकी क्षमता को दर्शाता है. उन्होंने टेस्ट में खेली गई 38 पारियों में शून्य पर आउट न होने का रिकॉर्ड भी बनाया है.