यशस्वी ने सबसे बड़ी टेस्ट जीत के बाद कहा - रेड बॉल क्रिकेट कठिन है पर मैं 100 प्रतिशत देता हूं
टीम इंडिया के लिए यशस्वी जायसवाल लगातार बल्ले के साथ धमाल मचा रहे हैं. उन्होंने राजकोट टेस्ट में दोहरा शतक लगाकर एक बड़ा कीर्तिमान भी अपने नाम कर लिया है. इस मैच के बाद उन्होंने खुल कर बात की हैं.
राजकोट: भारत के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने अपने आक्रामक क्रिकेट के दम पर करियर के शुरुआती दौर में ही 2 दोहरे शतक जड़ दिए हैं, जिसके दम पर इंग्लैंड पर भारत ने अपने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज कर ली है. रनों के लिहाज से भारत ने इंग्लैंड को 434 रनों से धूल चटा दी है. इस जीत के बाद जायसवाल बात करते हुए कहा कि टेस्ट क्रिकेट ‘कठिन’ है मैं मिली हुई अच्छी शुरुआत को बड़ा बनाने में विश्वास रखाता हूं.
इस मैच के बाद जायसवाल ने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट कठिन है, लेकिन मैंने सोचा कि जब मैं टीम में हूं तो मुझे अपना 100 प्रतिशत देना होगा. मैं बस कोशिश कर रहा हूं. जब भी मैं क्रीज पर थोड़ा समय बिता लेता हूं तो मैं उसे बड़ी पारी में बदलने की कोशिश करता हूं. टेस्ट क्रिकेट में आपको अपनी पारी को बड़े स्कोर में बदलना होता है’.
उन्होंने आगे कहा, ‘यह मेरे लिए काफी मुश्किल था क्योंकि शुरू में मैं रन नहीं बना पा रहा था. इसलिए सत्र दर सत्र खेलना पड़ा और परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना पड़ा. तभी मुझे लगा कि मैं रन बना सकता हूं. इस बीच मेरी पीठ में दर्द शुरू हो गयी. मैं बाहर (मैदान से) नहीं जाना चाहता था लेकिन दर्द काफी बढ़ गया था इसलिए मैं बाहर चला गया. आज जब मैं आया तो मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैं खेल को आगे ले जाऊं और अंत तक बल्लेबाजी करूं’.
जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 236 गेंदों में नाबाद 214 रन बनाए. इससे भरत ने चार विकेट पर 430 रन बना कर इंग्लैंड को जीत के लिए 557 रन का विशाल लक्ष्य दिया. इंग्लैंड की टीम 122 रन पर आउट हो गयी जिससे भारत ने रिकॉर्ड 434 रन से जीत दर्ज की.
वेस्टइंडीज के खिलाफ जुलाई 2023 में पदार्पण करने वाले जायसवाल का ये छठा मैच हैं, जिसमें उन्होंने दूसरा दोहरा शतक लगा दिया है. जायसवाल ने राजकोट टेस्ट में एक टेस्ट पारी में किसी भारतीय द्वारा सबसे अधिक छक्के (12) लगाकर रिकॉर्ड बुक में भी अपना नाम दर्ज कराया. इस सीरीज का चौथा टेस्ट मैच 23 फरवरी से रांची में खेला जायेगा.