उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / sports

38वें राष्ट्रीय खेल: हल्द्वानी इंटरनेशनल स्टेडियम में यूरोपियन ग्रास का फुटबॉल मैदान तैयार, मिलेगा नया अनुभव - EUROPEAN GRASS FOOTBALL FIELD

नेशनल गेम्स के लिए इंग्लैंड से लाई गई है यूरोपियन घास, अन्य घासों की तरह नहीं पड़ती है पीली, 16 टीमें यहां खेलेंगी मैच

EUROPEAN GRASS FOOTBALL FIELD
हल्द्वानी इंटरनेशनल स्टेडियम में यूरोपियन घास का फुटबॉल मैदान बना (PHOTO- ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 13, 2024, 11:20 AM IST

Updated : Dec 13, 2024, 12:23 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है. 28 जनवरी से 14 फरवरी तक होने वाले अंतरराष्ट्रीय खेलों की तैयारी अंतिम चरण में है. मुख्य खेल हल्द्वानी और देहरादून के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियमों में होने हैं. राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन देहरादून में होगा. समापन हल्द्वानी के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में होना है.

इंटरनेशनल स्टेडियम में लगी यूरोपियन घास: अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में 8 खेलों का आयोजन होना है. इनमें मुख्य खेल फुटबॉल हल्द्वानी के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेला जाएगा. फुटबॉल के मैचों को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को फुटबॉल स्टेडियम में तब्दील किया गया है. यहां करीब ढाई करोड़ की लागत से यूरोपीयन घास लगाई गई है. इस घास के मैदान में खेलना खिलाड़ियों के लिए अनोखा अनुभव होगा.

यूरोपियन ग्रास का फुटबॉल मैदान तैयार (VIDEO- ETV Bharat)

इंग्लैंड से आई यूरोपियन घास के मैदान पर होंगे फुटबॉल मैच: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ग्राउंड में लगी घास को हटाकर उसमें फुटबाल मैच के लिए यूरोपियन घास लगाई गई है. बताया जा रहा कि निर्माण एजेंसी ने लंदन से राई घास के बीज मंगाकर मैदान तैयार किया है. मैदान को फिनिशिंग टच देने का कार्य अंतिम चरण में है. 38वें राष्ट्रीय खेल में देशभर के खिलाड़ी गौलापार स्टेडियम आएंगे. क्रिकेट स्टेडियम के मैदान से पुरानी घास की लेयर को हटाकर नई घास उगाई गई है. स्टेडियम में 110 मीटर लंबाई और 75 मीटर चौड़ाई में यूरोपियन घास उगाई गई है.

यूरोपियन घास से क्या फायदा होगा:डिप्टी स्पोर्ट्स अधिकारी नैनीताल वरुण बेलवाल ने बताया कि फुटबॉल के लिए स्टेडियम का मैदान लगभग तैयार हो चुका है. 30 दिसंबर तक मैदान का अंतिम टच दे दिया जाएगा. करीब ढाई करोड़ की लागत से एक्सपर्ट के द्वारा यूरोपियन देशों से लाकर घास स्टेडियम में लगाई गई है, जो खिलाड़ियों के लिए उपयोगी रहेगी.

यूरोपियन घास की आयु है लंबी: वरुण बेलवाल ने बताया कि यूरोपियन घास की खासियत यह है कि ये अन्य घासों की तरह पीली नहीं पड़ती है. साथ ही यह घास बहुत तेजी से बढ़ती है. ये बहुत टिकाऊ भी होती है. यह अमेरिका और ब्रिटेन दोनों में सबसे आम घास का प्रकार है. यह घास हर मौसम के अनुकूल होती है. साथ ही अन्य घास की तुलना में ज्यादा नर्म भी होती है. यानी खिलाड़ी अगर मैदान में डाइव मारते हैं या स्लाइड करते हैं तो उन्हें चोट लगने का खतरा नहीं रहता है.

इतनी टीमें खेलेंगी फुटबॉल मैच: अब तक इसका प्रयोग दिल्ली, भुवनेश्वर, जमशेदपुर और पुणे के मैदानों में हो चुका है. उत्तराखंड में हल्द्वानी स्टेडियम में इसका प्रयोग किया जा रहा है. वरुण बेलवाल ने बताया कि फुटबॉल प्रतियोगिता हल्द्वानी के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में होनी है. यहां 8 पुरुष जबकि आठ महिला टीमें इस खेल में प्रतिभाग करेंगी. फुटबॉल मैच के लिए स्टेडियम में दर्शकों के बैठने की व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: यूरोप की विंटर ग्रास से हरे भरे होंगे 38वें नेशनल गेम्स के मैदान, टेक्नोलॉजी के साथ जानिए इसकी खासियत

Last Updated : Dec 13, 2024, 12:23 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details