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'30 से 50 लाख रुपये दो... क्रिकेट टीम में सेलेक्शन पक्का', पूर्व मंत्री ने किया बड़ा भंडाफोड़

पूर्व रणजी खिलाड़ी और मंत्री मोहसिन रज़ा ने यूपीसीए पर आरोप लगाया है कि क्रिकेटरों के चयन के लिए लाखों रुपये लिए जा रहे हैं.

UPCA cricket trial
यूपीसीए क्रिकेट ट्रायल (Uttar Pradesh Cricket Association)

By ETV Bharat Sports Team

Published : Nov 6, 2024, 1:31 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगर क्रिकेट में अंडर-16 में खेलना है तो 6 लाख, अंडर 19 में खेलना है तो 20 लाख और अंडर 23 खेलना है तो 30 लाख और रणजी खेलना है तो 30 से 50 लाख रुपये दीजिए टीम में सेलेक्शन हो जाएगा. यह आरोप उत्तर प्रदेश के पूर्व क्रिकेटर मोहसिन रज़ा ने लगाए हैं.

UPCA पर पूर्व मंत्री मोहसिन रज़ा का बड़ा आरोप
उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व उप्र हज कमेटी के चेयरमैन और पूर्व रणजी क्रिकेटर मोहसिन रज़ा ने यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ बुधवार को मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन पर युवाओं से धनउगाही, पैसों की हेराफेरी, सरकारी सम्पत्तियों का दोहन समेत कई आरोप लगाए हैं. पूर्व क्रिकेटर मोहसिन रज़ा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर यूपी क्रिकेट एसोसिएशन में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत की है.

पूर्व रणजी क्रिकेटर और मंत्री मोहसिन रज़ा का यूपीसीए पर बड़ा आरोप (ETV Bharat)

कांग्रेस के बड़े नेता का हाथ
मोहसिन रज़ा ने कहा कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का पिछले कुछ वर्षों से स्वरूप बदला गया है. मैं पूर्व में क्रिकेटर रहा हूं. इसलिए लोगों ने मुझसे सम्पर्क किया. इन सारी चीजों से अवगत कराया. इस पर आरटीआई के माध्यम से सूचनाएं ली गयीं तो पता चला कि यह वह संस्था है ही नहीं जिसके तहत हम लोग खेला करते थे. इसमें तो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स हैं. इसमें कांग्रेस के बड़े नेता का हाथ है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में कांग्रेस के नेता तत्कालीन यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव ज्योति बाजपेयी का सहारा लेकर आगे बढ़े.

क्रिकेटरों के चयन में चल रहे लाखों रुपए
इसके बाद एसोसिएशन को प्राईवेट लिमिटेड में बदलकर इस पर उन्होंने खुद कब्जा कर लिया और बाजपेयी को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया. जाहिर सी बात है कि कांग्रेस का जैसा चरित्र है, उनके नेता भी वैसे ही करेंगे. इसके बाद प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बनाकर प्रदेश के युवाओं को गुमराह किया गया. आरोप है कि कांग्रेस नेता के बेहद करीबी कहे जाने वाला उनका PA सारा खेल करता है. बच्चों को क्रिकेट खिलाने के लिए उनसे पैसे लिए जाते हैं, उनका शोषण किया जाता है. ऐसे ही तमाम प्रकरण सामने आए हैं.

यूपीसीए पदाधिकारियों पर पुलिस केस दर्ज (ETV Bharat)

ग्रीन पार्क स्टेडियम 30 साल की लीज पर दे दिया
मोहसिन रज़ा ने बताया कि बीसीसीआई ने जब इनसे पूछा कि आपने कम्पनी क्यों बना ली ? इस पर इन्होंने कहा कि राज्य सरकार से उनकी नहीं बनती, लिहाजा प्राइवेट लिमिट कम्पनी बना ली. इनका यह दावा भी झूठा साबित हुआ. जिस सरकार से खराब रिश्तों का ज़िक्र किया, उसी सरकार ने कानपुर का ग्रीन पार्क स्टेडियम इन्हीं को 30 साल के लिए लीज पर दे दिया. यह सवाल तब उठा जब लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट आई कहा गया कि इसी रिपोर्ट के आधार पर बीसीसीआई और राज्य के सभी क्रिकेट एसोसिएशन चलने थे. यूपी क्रिकेट एसोसिएशन सबसे अलग चल पड़ा.

आयकर विभाग का 100 करोड़ का बकाया
यूपी क्रिकेट एसोसिएशन लिमिटेड कम्पनी कहती है कि वह नो प्रॉफिट, नो लॉस पर चलती है. उसकी कोई आय नहीं है लेकिन 100 करोड़ से अधिक की इनकी आयकर विभाग की देनदारी है. अगर प्रॉफिट नहीं था तो यह इनकम टैक्स का नोटिस इन्हें क्यों आ गई. यूपीसीए ने इसके खिलाफ ट्रिब्यूनल में मुकदमा भी किया है.

बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़
मोहसिन रज़ा ने आरोप लगाया कि इससे साबित हो गया है कि उप्र क्रिकेट एसोसिएशन बेपटरी हो चुका है. सरकारी सम्पत्तियों का दोहन हो रहा है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उनके साथ अन्याय हो रहा है. चयन प्रक्रिया ध्वस्त हो चुकी है. जिससे प्रतिभावान युवाओं को उनके खेल के आधार पर अवसर नहीं मिल पा रहे हैं.

संक्षिप्त में आरोप इस प्रकार हैं :-

  1. बच्चों से पैसे लेकर टीम में सेलेक्ट करना.
  2. अंडर-16 टीम में सेलेक्शन के लिए 6 लाख रुपये.
  3. अंडर-19 में खिलाने के लिए 20 लाख रुपये.
  4. अंडर-23 टीम में खिलानऊ के लिए 30 लाख.
  5. रणजी खिलाने के लिए 30 से 50 लाख रुपये लिए जाते हैं.
  6. कांग्रेस के एक बड़े नेता हैं इस सबके पीछे.

पत्र के अध्ययन के बाद UPCA देगा जवाब
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के ACEO अंकित चटर्जी ने इस बारे में बताया कि अभी मोहसिन राजा का पत्र हमको मिला है. इसको लेकर पूरी जांच की जा रही है. पत्र के तथ्यों की पड़ताल की जा रही है. इसके बाद में इस विषय पर विस्तृत प्रतिक्रिया व्यक्त की जाएगी. अभी इस विषय पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है.

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