लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगर क्रिकेट में अंडर-16 में खेलना है तो 6 लाख, अंडर 19 में खेलना है तो 20 लाख और अंडर 23 खेलना है तो 30 लाख और रणजी खेलना है तो 30 से 50 लाख रुपये दीजिए टीम में सेलेक्शन हो जाएगा. यह आरोप उत्तर प्रदेश के पूर्व क्रिकेटर मोहसिन रज़ा ने लगाए हैं.
UPCA पर पूर्व मंत्री मोहसिन रज़ा का बड़ा आरोप
उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व उप्र हज कमेटी के चेयरमैन और पूर्व रणजी क्रिकेटर मोहसिन रज़ा ने यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ बुधवार को मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन पर युवाओं से धनउगाही, पैसों की हेराफेरी, सरकारी सम्पत्तियों का दोहन समेत कई आरोप लगाए हैं. पूर्व क्रिकेटर मोहसिन रज़ा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर यूपी क्रिकेट एसोसिएशन में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत की है.
कांग्रेस के बड़े नेता का हाथ
मोहसिन रज़ा ने कहा कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का पिछले कुछ वर्षों से स्वरूप बदला गया है. मैं पूर्व में क्रिकेटर रहा हूं. इसलिए लोगों ने मुझसे सम्पर्क किया. इन सारी चीजों से अवगत कराया. इस पर आरटीआई के माध्यम से सूचनाएं ली गयीं तो पता चला कि यह वह संस्था है ही नहीं जिसके तहत हम लोग खेला करते थे. इसमें तो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स हैं. इसमें कांग्रेस के बड़े नेता का हाथ है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में कांग्रेस के नेता तत्कालीन यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव ज्योति बाजपेयी का सहारा लेकर आगे बढ़े.
क्रिकेटरों के चयन में चल रहे लाखों रुपए
इसके बाद एसोसिएशन को प्राईवेट लिमिटेड में बदलकर इस पर उन्होंने खुद कब्जा कर लिया और बाजपेयी को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया. जाहिर सी बात है कि कांग्रेस का जैसा चरित्र है, उनके नेता भी वैसे ही करेंगे. इसके बाद प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बनाकर प्रदेश के युवाओं को गुमराह किया गया. आरोप है कि कांग्रेस नेता के बेहद करीबी कहे जाने वाला उनका PA सारा खेल करता है. बच्चों को क्रिकेट खिलाने के लिए उनसे पैसे लिए जाते हैं, उनका शोषण किया जाता है. ऐसे ही तमाम प्रकरण सामने आए हैं.
ग्रीन पार्क स्टेडियम 30 साल की लीज पर दे दिया
मोहसिन रज़ा ने बताया कि बीसीसीआई ने जब इनसे पूछा कि आपने कम्पनी क्यों बना ली ? इस पर इन्होंने कहा कि राज्य सरकार से उनकी नहीं बनती, लिहाजा प्राइवेट लिमिट कम्पनी बना ली. इनका यह दावा भी झूठा साबित हुआ. जिस सरकार से खराब रिश्तों का ज़िक्र किया, उसी सरकार ने कानपुर का ग्रीन पार्क स्टेडियम इन्हीं को 30 साल के लिए लीज पर दे दिया. यह सवाल तब उठा जब लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट आई कहा गया कि इसी रिपोर्ट के आधार पर बीसीसीआई और राज्य के सभी क्रिकेट एसोसिएशन चलने थे. यूपी क्रिकेट एसोसिएशन सबसे अलग चल पड़ा.