हैदराबाद : छह फीट की लंबी मनिका बत्रा न सिर्फ दिखती अच्छी हैं, बल्कि वह एक मशहूर टेबल टेनिस खिलाड़ी भी हैं. उन्होंने कड़ी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है. यह उनका जुनून है कि उन्होंने महिला एकल वर्ग में पूरी दुनिया में 24वां रैंक हासिल किया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गईं.
दबाव में तेजी से प्रतिक्रिया करने और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी गेंद पर नियंत्रण बनाए रखने की असाधारण क्षमता ने मनिका को 'भारतीय टेबल टेनिस की रानी' का खिताब दिला दिया है. इसके अतिरिक्त वह उन चंद खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो लंबे रबर रैकेट को कुशलता से चलाती हैं.
मनिका दिल्ली की मूल निवासी हैं. उनके माता-पिता गिरीश-सुषमा दंपति के 3 बच्चे हैं. मनिका इनमें सबसे छोटी हैं. उनकी बड़ी बहन आंचल और बड़े भाई साहिल टेबल टेनिस खेलते थे, जिस कारण मनिका को इस खेल से लगाव हो गया और उन्होंने चार साल की उम्र में टीटी खेलना शुरू कर दिया. स्कूल से आगे बढ़ते हुए राज्य-स्तरीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के बाद, उनके माता-पिता ने मनिका की प्रतिभा को पहचानते हुए बेहतर प्रशिक्षण के लिए उन्हें कोच संदीप गुप्ता के हंस राज मॉडल स्कूल में एडमिशन दिलाया. एक बार जब इसकी शुरुआत हुई तो फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
मनिका ने कहा, 'मैं बिना जाने-समझे टीटी को पसंद करने लगी. मैं चाहती थी कि टेबल टेनिस में मेरा नाम गूंजे और मुझे भी वही पहचान हासिल हो जो पीवी सिंधु और साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में हासिल की है'. मनिका कहती हैं, 'चाहे मैं चाहूं या न चाहूं, लेकिन मुझे कई बड़ी कंपनियों के लिए मॉडलिंग करने का मौका मिला'. आखिरकार, उन्होंने मॉडलिंग के अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए पहले साल में ही कॉलेज छोड़ने का फैसला किया'.
करियर की शुरुआत
चिली ओपन में अपनी पहली जीत से लेकर एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने तक मनिका की यात्रा कई उतार-चढ़ाव से भरी रही है. उन्होंने एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल टेबल टेनिस चैंपियनशिप और ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने सहित महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. हाल ही में समाप्त हुए सऊदी स्मैश में उन्होंने उल्लेखनीय जीत हासिल की, और नवीनतम एकल रैंकिंग में 24वें स्थान पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला टीटी खिलाड़ी के रूप में इतिहास में अपनी छाप छोड़ी.