हल्द्वानी: उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया जा रहा है. इसी बीच हल्द्वानी के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में सात से अधिक खेलों का आयोजन हो रहा है. विभिन्न प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों का डोपिंग टेस्ट करवाया जा रहा है. साथ ही डोपिंग टेस्टिंग के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है. जिससे अपने खेलों के प्रति डोपिंग संबंधित जानकारी हासिल कर खिलाड़ी भविष्य में होने वाले खेलों के प्रति जागरूक रहें.
नाडा करता है खिलाड़ियों पर कार्रवाई:अगर कोई भी खिलाड़ी डोपिंग टेस्टिंग में पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसके खिलाफ राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) दौरा कार्रवाई की जाती है. पूर्व में हुए राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों के डोपिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें कई खिलाड़ियों पर कार्रवाई भी हुई है.
मेडल जीतने के बाद खिलाड़ियों का होता है डोपिंग टेस्ट:डोपिंग कंट्रोल अफसर मनोज कुमार ने बताया कि खिलाड़ियों के मेडल जीतने के बाद उनका डोपिंग टेस्ट कराया जाता है. जिससे पता चल सके कि खिलाड़ी ने खेल के दौरान किसी तरह का कोई ड्रग्स या अन्य प्रतिबंधित दवाइयां तो नहीं ली हैं. इसके अलावा आशंका होने पर भी रेंडम खिलाड़ियों का डोपिंग टेस्ट कराया जाता है. उन्होंने कहा कि कुछ रिजर्व खिलाड़ी भी हैं, जिनकी समय-समय पर उनकी डोपिंग टेस्टिंग कराई जाती है, जहां डोपिंग टेस्टिंग की टीम बिना बताए उनकी सैंपलिंग करती है.