देहरादून: देश में चल रहे आईपीएल के बाद उत्तराखंड में भी इसी तरह के लीग फॉर्मेट में क्रिकेट टूर्नामेंट करवाने को लेकर के उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन लंबे समय से तैयारी कर रहा है. उत्तराखंड प्रीमियर लीग यानी UPL के नाम से इसे जून में आयोजित किया जाना है. लेकिन इससे पहले ही सोशल मीडिया पर UPL के नाम से एक और आयोजन चर्चा में आ गया है.
UPL vs UPL:पता चला है कि यह उत्तराखंड प्रो लीग (UPL) है. इसका आयोजन टेनिस बॉल से लीग फॉर्मेट में किया जाना है. बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड का आरोप है कि UPL के नाम से आयोजित किया जा रहा उत्तराखंड प्रो लीग पूरी तरह से अनाधिकृत है. CAU के सचिव महिम वर्मा ने कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड प्रदेश में क्रिकेट संबंधी सभी खेलों के लिए एक अधिकृत बॉडी है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार हर प्रदेश में केवल अधिकृत क्रिकेट एसोसिएशन ही क्रिकेट लीग का आयोजन कर सकती है. उन्होंने कहा कि बिना ऑथराइज्ड क्रिकेट एसोसिएशन के होने वाला हर क्रिकेट अनऑथराइज्ड होता है.
CAU इन खिलाड़ियों पर लगाएगी 2 साल का बैन:क्रिकेट एसोसिएशन ऑफउत्तराखंड यानी CAU के सचिव महिम वर्मा का कहना है कि उत्तराखंड में इन दिनों उत्तराखंड प्रो लीग जो कि UPL के नाम से खुद को सबके सामने रख रही है, उस से सोशल मीडिया और तमाम क्रिकेट जगत में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश भर से क्रिकेट से जुड़े लोगों के कॉल और मैसेज आ रहे हैं. वह हर किसी को असली UPL के बारे में बता बता कर थक गए हैं.
उन्होंने कहा कि अनऑथराइज्ड तरीके से किए जा रहे "उत्तराखंड प्रो लीग" में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों पर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड अगले 2 साल के लिए बैन लगाएगा. इस तरह के उन अधिकृत क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को बीसीसीआई या फिर बीसीसीआई से एफिलिएटिड किसी भी संस्था या फिर उससे जुड़े क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग नहीं लेने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह केवल इन दिनों चर्चा में आए उत्तराखंड प्रो लीग के लिए ही नहीं है, बल्कि हर उस खिलाड़ी के लिए है जो कि अनऑथराइज्ड संगठन की प्रतियोगिता में भाग लेता है, उसे बैन कर दिया जाता है.