नेशनल गेम्स में खिलाड़ियों के इलाज के लिए क्या हैं इंतजामात? स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स के अस्पताल से देखिए ग्राउंड रिपोर्ट - 38TH NATIONAL GAMES 2025
राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने पहुंचे खिलाड़ियों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार,स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स के धन्वंतरि अस्पताल से देखिए ग्राउंड रिपोर्ट
स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स के धन्वंतरि अस्पताल से ग्राउंड रिपोर्ट (SOURCE: ETV BHARAT)
देहरादून:उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल चल रहे हैं. राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ होने के बाद के कार्यक्रम के अनुसार खेल प्रतियोगिताएं भी जारी हैं. राष्ट्रीय खेलों को लेकर तमाम विभागों की ओर से व्यवस्थाएं मुकम्मल कराई गई हैं. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी खिलाड़ियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने को लेकर थ्री लेयर की व्यवस्था तैयार की गई है. जिसके तहत, इवेंट्स ग्राउंड में स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात की गई है. महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में धन्वंतरि हॉस्पिटल तैयार किया गया है. साथ ही जिला अस्पताल को हायर सेंटर बनाया गया है.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जनवरी को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज स्थित क्रिकेट स्टेडियम में राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ किया था. इसके बाद खेलों की प्रतियोगिताएं शुरू हो गई हैं.
महाराणा प्रताप स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स के धन्वंतरि अस्पताल से ग्राउंड रिपोर्ट (SOURCE: ETV BHARAT)
ग्राउंड में तैनात मेडिकल स्टाफ:खिलाड़ियों को उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं के सवाल पर देहरादून की एडिशनल सीएमओ डॉ वंदना सेमवाल ने बताया कि जहां भी खेल के इवेंट्स हो रहे हैं, वहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात की गई है. इवेंट्स के ग्राउंड में तैनात टीम में डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स, वार्ड बॉय और फिजियोथेरेपिट शामिल हैं. इसके साथ ही महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज यानि रजत जयंती खेल परिसर में 10 बेड का धन्वंतरि हॉस्पिटल भी तैयार किया गया है, जहां पर प्राइमरी चिकित्सा दी जा रही है. धन्वंतरि हॉस्पिटल में फिजिशियन, ऑर्थोपेडिक सर्जन, जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर के साथ ही पूरा स्टाफ लगाया गया है.
खिलाड़ियों के लिए 16 एंबुलेंस तैनात:अगर किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लग जाती है या फिर खिलाड़ी को एडवांस ट्रीटमेंट की जरूरत होती है तो खिलाड़ी को तत्काल जिला अस्पताल में रेफर कर दिया जाएगा. जिला अस्पताल में स्पेशलिस्ट की टीम तैनात की गई है. अगर किसी खिलाड़ी को कभी भी जिला अस्पताल रेफर किया जाता है तो तत्काल उसका इलाज किया जा सकेगा. खिलाड़ियों की सुविधा के लिए स्पोर्ट्स कॉलेज में कुल 16 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं. इनमें 6 एम्बुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट और 10 एम्बुलेंस बेसिक लाइफ सपोर्ट की हैं.
देश के तमाम राज्यों से हजारों खिलाड़ी उत्तराखंड पहुंचे हैं. ऐसे में देहरादून जिला अस्पताल में 12 स्पेशल टीमें बनाई गई हैं जो होटल में रुके खिलाड़ियों को किसी भी दिक्कत की स्थिति में वहां स्पेशल टीम भेजकर इलाज करेंगी. इसके साथ ही खिलाड़ियों को कंट्रोल रूम का नंबर भी दिया गया है, जो इमरजेंसी के दौरान फोन करके डॉक्टर्स की टीम बुला सकते हैं. ऐसे में अगर वहीं पर इलाज संभव होगा तो इलाज किया जाएगा नहीं तो टीम जिला अस्पताल ले आएगी.
नेशनल गेम्स के लिए स्वास्थ्य विभाग दे रहा ये सुविधाएं-
राष्ट्रीय खेलों के मद्देनजर प्रदेश भर में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग द्वारा 141 टीमों का गठन किया है.
इस सभी टीमों को इवेंट होने तक अलर्ट मोड पर रखा गया है.
हेली एंबुलेंस तक की सुविधा भी तत्काल उपलब्ध करवाई जाएगी.
देहरादून महाराणा प्रताप स्टेडियम के धन्वंतरी ब्लॉक में 10 बेड का अस्पताल बनाया गया है.
आईजीआईसीएस स्टेडियम हल्द्वानी में दो बेड का अस्पताल संचालित किया जा रहा है.
प्राइमरी, सेकेंड्री और टर्रसियरी हेल्थ केयर के नोडल अधिकारी व सह नोडल अधिकारी बनाए गए हैं.
सेकेंड्री हेल्थ केयर (जिला चिकित्सालय) में न्यूरो, कार्डिक, हेड इंजरी और स्पाइन इंजरी के चिकित्सा विशेषज्ञ तैनात हैं.
सभी जिला अस्पतालों में 24x7 एंबुलेंस और जरूरी दवाइयों के साथ 3 ऑन-कॉल तैनात हैं.
खिलाड़ियों के रहने के स्थान के सबसे निकट चिकित्सा यूनिटों में 24x7 ऑन-कॉल टीमें तैनात की गई हैं.
हर खेल और शिफ्ट में एक मेडिकल टीम बनाई गई है. इस टीम में 1 डॉक्टर, 2 नर्सिंग स्टॉफ, 2 फिजियोथेरेपिस्ट (महिला/पुरुष) और एक वार्ड ब्वाय को तैनात रखा गया है. एक साथ ही एक टीम स्टैंड बाय पर भी है.
सभी खेल आयोजन स्थलों में एक एएलएस (Advance Life Support) और एक बीएलएस (Basic Life Support) एंबुलेंस की तैनाती है. एक बीएलएस एंबुलेंस को स्टैंड बाय पर रखा गया है.
राष्ट्रीय खेलों के दौरान 115 एंबुलेंस तैनात रहेंगी. इनमें विभागीय और 108 सेवा की एंबुलेंस हैं.
ऋषिकेश AIIMS के ट्रामा विभाग में खेल शुरू होने के दिन 28 जनवरी से समाप्ति के दिन 14 फरवरी 2025 तक पांच बेड रिजर्व रखे गए हैं.
यही नहीं, प्रदेश भर में 150 डाॅक्टर, 300 नर्सिंग स्टॉफ, 25 फिजियोथेरेपिस्ट, 30 फार्मासिस्ट और 50 वार्ड ब्वाय तैनात किए गए हैं..